पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंक का गढ़ होने के साथ ही अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव और अत्याचार के लिए जाना जाता है। यहां से आए दिन अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव की खबरें आती रहती हैं। हाल ही में पाकिस्तान के मुल्तान बार एसोसिएशन ने एक ऐसा प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें अहमदी समेत सभी गैर-मुस्लिम वकीलों को बार काउंसिल के चुनाव में भाग लेने पर रोक लगाने का प्रावधान था।, जिसमें कहा गया था कि बार चुनाव लड़ने वाले वकीलों को इस्लाम में अपनी आस्था साबित करने के लिए एक हलफनामा पेश करना होगा। वहीं पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लड़कियों के जबरन धर्मांतरण की मामले भी सुनने को मिलते रहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, अल्पसंख्यक लड़कियों के जबरन धर्मांतरण के खिलाफ ‘सिंधी हिंदू स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान’ की ओर से कराची के प्रेस क्लब के सामने भूख हड़ताल की जाएगी।
भूख हड़ताल में सिंध प्रांत के छात्रों के अलावा अन्य पाकिस्तानी उदारवादी लोग शामिल होंगे। आपको बता दें, पूरे पाकिस्तान खासकर सिंध प्रांत में अल्पसंख्यक हिंदू और सिख धर्म से जुड़ी लड़कियों का अपहरण कर जबरन धर्मांतरण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिसे स्थानीय मीडिया भी नहीं दिखाती। इसलिए अब स्थानीय अल्पसंख्यक युवाओं के साथ ही कुछ उदारवादी मुस्लिम भी इस अत्याचार के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चला रहे हैं।
‘सिंधी हिंदू स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान’ ने फेसबुक के जरिए अपील की है कि अल्पसंख्यक लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों पर रोक लगाने के लिए बड़े आंदोलन की जरूरत है। इसके लिए स्थानीय छात्रों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाते हुए कराची स्थित प्रेस क्लब के सामने भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला लिया है और लोगों को इससे जुड़ने की अपील भी की है। इस मुहिम का कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने समर्थन किया है। लेकिन ‘सिंध पीपल्स स्टूडेंट फेडरेशन’ (Sindh People’s Student Federation) से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता सईद आसिफ रिजवी का कहना है कि सोशल मीडिया पर की जा रही अपील पर कुछ लोग जुड़ तो जरुर रहे हैं, लेकिन ये अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए काफी नहीं है।
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