16 दिसंबर 2012 को देश की राजधानी में ह्त्या, सामूहिक दुष्कर्म और बर्बरता की शिकार हुई निर्भया को आखिर न्याय मिल ही गया। दिन शुक्रवार 20 मार्च तड़के चारों दोषियों को फांसी दे दी गयी। गौरतलब है की फांसी से महज तीन घण्टे पहले उच्चतम न्यायलय ने एक दोषी की याचिका ख़ारिज कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
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दोषियों को फांसी देने से पहले उनकी आखिरी इच्छा पूछी गयी लेकिन उनमें से किसी ने भी कोई इच्छा नहीं जाहिर की। निर्भया की माँ ने कहा की मैं जैसे ही कोर्ट से आयी, अपनी बेटी के आगे हाथ जोड़ी और कहा की बेटा आज तुमको न्याय मिल गया। उन्होने कहा की ये सात साल का संघर्ष था और अंत में उन्हें फाँसी पर लटका दिया गया है , आज का दिन देश की बेटियों के नाम, हमारे महिलाओं के नाम क्यूंकि आज निर्भया को इन्साफ मिला। साथ ही उन्होंने देश की न्याय व्यवस्था और देश के राष्ट्रपति समेत सभी मातहतों का धन्यवाद किया।
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