क्यों करते हैं भगवान कार्तिकेय की पूजा

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जिस प्रकार पवन पुत्र हनुमान और दशरथ पुत्र श्री राम दूसरों की रक्षा के लिए पैदा हुए और दूसरों के हित के लिए अपना जीवन त्याग दिया उसी प्रकार भगवान शिव पुत्र कार्तिकेय का जन्म भी दूसरों की रक्षा के लिए हुआ था। कहा जाता है की एक बार भगवान शिव के ऊपर दुःख पड़ा वे उस दुःख से मुक्ति पाने के लिए तपस्या कर रहे थे, उसी समय सृष्टि शक्तिहीन हो गई। इस मौके का फायदा उठाकर सभी राक्षस मिलकर तारकासुर नामक राक्षस से देवताओं को परेशान करने को कहा ।

तारकासुर को वरदान मिला था की उसे सिर्फ भगवान शिव का पुत्र ही मार सकता है। परेशान होकर सभी देवता भगवान कृष्ण के पास पहुंचे और कृष्ण को अपना दुःख बताया। कृष्ण ने सभी देवताओं को सलाह दी की आप सभी भगवान शिव के पास जाओ वही आपकी समस्या दूर कर सकते हैं। सभी देवता भगवान शिव के पास पहुंचे और अपना दुःख सुनाया भगवान सही ने कार्तिकेय से तारकासुर का वध करने के लिए कहा तब भगवान कार्तिकेय ने अपनी चालाकी से तारकासुर राक्षस का वध कर डाला।

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तारकासुर राक्षस का वध होने के बाद देवता बहुत प्रसन्न हुए,अब उनकी परेशानिया ख़त्म हो गई थी। देवता प्रसन्न होकर उसी दिन से भगवान कार्तिकेय की पूजा करने लगे। कार्तिकेय की पूजा की परंपरा तभी से चली आ रही है। जो कार्तिकेय भगवान की पूजा करता है उसको बहुत लाभ मिलता है जैसे-

  • जो भी भगवान कार्तिकेय का उपवास और पूजा करता है उसे शक्तिशाली तथा उत्तम संतान मिलती है।
  • भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से सुख और समृद्धि मिलती है
  • भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से अहंकार से छुटकारा मिलता है
  • भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से काम करने की शक्ति तथा साहस मिलता है
  • भगवन कार्तिकेय की पूजा करने से हमें अच्छी बुद्धि मिलती है

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