नई दिल्ली और गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार भी मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के कड़े जुर्मानों में कई बिंदुओं पर अपनी तरफ से जल्द रियायत देगी। सरकार परिवहन विभाग के अधिकारियों को शमन शुल्क वसूलने का अधिकार देते समय कैबिनेट के जरिये आम लोगों को राहत देने के बारे में सोच रही है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जनसामान्य को सीट बेल्ट, हेल्मेट न पहनने, नाबालिग के वाहन चलाने मानवीय जीवन को खतरे से जुड़े जुर्माने में नहीं राहत नहीं दी जाएगी। सरकार ओवरलोडिंग, मौके पर ड्राइविंग लाइसेंस न होने व भूलवश यातायात नियमों के उल्लंघन में कड़े जुर्माने में जरूर राहत देने पर विचार कर रही है। इसके लिए जल्द ही प्रदेश सरकार मोटर वाहन एक्ट से जुड़ी नियमावली को कैबिनेट में रखेगी। इसके नियमों में ही विभिन्न दरें तय की जाएंगी।
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प्रशमन शुल्क के लगभग दो दर्जन प्रकरणों को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है। इन पर गृह व न्याय विभाग की राय लेने के बाद इन्हें कैबिनेट में मंजूरी देगी। कैबिनेट में मंजूर किए गए परिवहन विभाग के प्रस्तावों पर सरकार अलग से अधिसूचना जारी करेगी। केन्द्र सरकार ने मोटर व्हीकिल एक्ट 2019 के तहत 29 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। ये प्रावधान पूरे देश में एक सितम्बर से लागू हो चुके हैं। अब इन प्रावधानों के तहत चालान काटे जाने पर न्यायालय दण्ड का निर्धारण करेगा। प्रदेश सरकार इसके लिए अलग को कोई अधिसूचना लागू नहीं की है।
सबसे कड़ी व्यवस्था तो नाबालिग को वाहन को चलाने पर है। ये प्रावधान प्रशमनशुल्क के दायरे में नहीं आता है। इसके तहत 25 हजार रुपये के जुर्माने के साथ मां-बाप को तीन साल की सजा है। अब इन प्रावधानों के तहत चालान काटे जाने पर न्यायालय दण्ड का निर्धारण करेगा। प्रदेश सरकार इसके लिए अलग को कोई अधिसूचना लागू नहीं की है।
इन प्रमुख प्रावधानों में मिल सकती है राहत
➤ अन्य व्यक्ति को ड्राइविंग लाइसेंस देना।
➤ एक साल से अधिक दूसरे राज्य का रजिस्ट्रेशन इस्तेमाल करना।
➤ चेकिंग के निर्देशों का उल्लंघन।
➤ वाहन के आकार को घटाने-बढ़ाने पर।
➤ यातायात के नियमों का उल्लंघन।
➤ वाहन में यातायात संकेतों का उपयोग न करने पर।
➤ दो से अधिक सवारी पर।
➤ स्पीड लिमिट या रिफलेक्टर न लगाने।
➤ बिना पंजीकरण के वाहन चलाने।
➤ बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के वाहन चलाने।
➤ सार्वजनिक स्थान पर खतरनाक ढंग से वाहन पार्क करने।