बीते शनिवार को रामजन्मभूमि विवाद से जुड़े मामले पर जब सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने अपना फैसला सुनाया तो उस समय दशकों से चला आ रहा इंताजार आखिरकार ख़त्म हो ही गया। क्यूंकि यह फैसला प्रभु श्रीराम जन्मभूमि से जुड़ा था इसलिए इसमें करोडो लोगों की आस्था भी जुडी थी और उन्ही करोड़ों लोगों में से एक 87 वर्षीय उर्मिला भी हैं जिन्होंने राममंदिर निर्माण के लिए 27 साल से उपवास रखा था।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया,जाने कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा
यह तो पुरे विश्व में विख्यात है की भारत एक धर्मिक देश भी है और यहाँ भगवान में आस्था रखने वालों की कोई कमी नहीं है। उसी में से एक जबलपुर के विजय नगर इलाके में रहने वाली 87 साल की उर्मिला चतुर्वेदी हैं जिन्होंने वर्ष 1992 के बाद से अन्न ग्रहण नहीं किया है यानी उन्होंने 27 साल से उपवास रखा हुआ है लेकिन उनका संकल्प अब भी मजबूत है। और वह अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले काफी खुश भी हैं।
क्या कहना है उर्मिला का –
87 वर्षीय उर्मिला का कहना है इस उपवास के पीछे उनका सिर्फ एक ही मकसद था जो की अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होते देख सकें और उनकी इस इच्छा के पूरा होने के आसार भी नज़र आने लगे हैं। इसके अलावा उर्मिला बतातीं हैं की विवादित ढांचा टूटने से बेहद दुखी हुई क्यंकि उस दौरान उन्होंने देश में दंगे हुए खून खराबा हुआ, हिन्दू-मुस्लिम भाइयों ने एक दूसरे का खून बहाया। इसी को देखते हुए उस दिन से ही उन्होंने ये संकल्प ले लिया की वह अब अनाज तभी खाएंगी, जब देश में सहमति से भाईचारे के साथ राममंदिर का निर्माण कराया जाएगा।