कोरोना की वजह से देश में लॉक डाउन किया गया है। लेकिन इससे परेशान होकर देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोग अपने घरों के लिए अब वापसी करने लगे हैं। प्रवासी गरीब मजदूरों के लिए सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है। जिसका निवारण करने के लिए योगी सरकार अब माइग्रेशन कमीशन का गठन करने वाली है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घर वापस आए श्रमिक बहनों-भाइयों को प्रदेश में ही सेवायोजित करने के लिए एक माइग्रेशन कमीशन गठित करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है अर्थव्यवस्था की धुरी’ इन कामगारों को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध करवा कर इन्हें सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
प्रवासी कामगारों को राज्य स्तर पर बीमा का लाभ देने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही ऐसी कार्य योजना भी तैयार की जा रही है। जिससे इन लोगों की जॉब सिक्योरिटी प्रदेश में ही सुनिश्चित की जा सके और उन्हें मजबूरन अपने घर-परिवार से दूर नौकरी की तलाश में पलायन ना करना पड़े।
अन्य राज्यों को यूपी सरकार से लेनी होगी अनुमति
इसके साथ ही यदि कोई अन्य राज्य उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों को बुलाना चाहता है तो उसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी होगी और उनका बीमा, सामाजिक सुरक्षा आदि की गारंटी भी देनी होगी। योगी सरकार ने यह फैसला इन दिनों प्रवासी श्रमिकों और कामगारों के साथ जिस तरह का दुर्व्यवहार हुआ और दुर्गति हुई है, उसको देखते हुए लिया है।
मालूम हो देश के विभिन्न हिस्सों से अभी तक 23 लाख श्रमिकों को वापस लाया जा चुका है। सभी को जांच के बाद क्वॉरेंटाइन किया गया और राशन किट, राशन कार्ड व 1000 रुपए भरण-पोषण भत्ता देने का सीएम ने आदेश दिया है और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इनका डाटा भी एकत्रित किया जा रहा है।