इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति (VC) रतन लाल हंगलू अपने ऊपर लगे वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोपों के बाद बुधवार को इस्तीफा दे दिया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हंगलू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कुलपति हंगलू का कहना है कि उन्होंने दबाव में आकर यह पद छोड़ा है। वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं की वजह से साल 2016 से उनके ऊपर नज़र रखी जा रही थी।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी पिछले ही हफ्ते छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न की शिकायतों को सही तरीके से न निपटाने तथा उनके लिए शिकायत निवारण प्रणाली की कमी के कारण तलब किया था। कुलपति हंगलू ने केंद्रीय मानव संसाधन (HRD) मंत्रालय को अपना इस्तीफा दिया। एचआरडी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि कुलपति की कार्यशैली को लेकर पहले भी कई शिकायतें आ चुकी हैं। साथ ही बताया कि कुलपति ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा सौंपा है।
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इस्तीफे को लेकर हंगलू ने बताया कि यह बात सही कि मैंने इस्तीफा दे दिया है और इसकी वजह ये है कि मेरे खिलाफ आधारहीन पूछताछ शुरू की गई थी। इन शिकायतों को लेकर कई बार यह साबित हुआ कि इनमे कोई सच्चाई नहीं है। मैंने इस्तीफ़ा इसलिए दिया क्यूंकि मै इन सब से परेशान हो चुका हूँ। साथ ही कुलपति ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने सदैव अपने कर्तव्यों को ईमानदारी के साथ निभाया है।