नागरिकता संशोधन कानून (CAA) तथा भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने लोगों से संयम बरतने की अपील किया है। उन्होंने शनिवार को बात करते हुए कहा है कि मुसलमानों को इस कानून से कोई भी खतरा नहीं है। साथ ही बताया कि राजनीतिक पार्टियां इसपर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही हैं। मौलाना ने कहा कि यदि किसी को इसे लेकर भ्रम हो तो उसे इस पर बात करनी चाहिए।
Shia Cleric Maulana Kalbe Jawad: CAA & NRC are two different things. NRC as of now is implemented only in Assam and has not been implemented across India, also we don't yet know what rules are going to be in it. Parties are misleading on this, appeal to Muslims to show restraint. pic.twitter.com/VtLVwdhXk0
— ANI UP (@ANINewsUP) December 21, 2019
शिया मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि “सीएए और एनआरसी दो अलग-अलग चीजें हैं। NRC अब तक केवल असम में लागू किया गया है और पूरे भारत में लागू नहीं किया गया है, लेकिन हम अभी तक यह नहीं जानते हैं कि इसमें क्या नियम होने जा रहे हैं। पार्टियां इस पर गुमराह कर रही हैं, मैं मुसलमानों से संयम दिखाने की अपील करता हूँ”।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में मौलाना ख़ालिद राशिद का बयान
मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के लोग प्रदर्शन कर रहे लोगों की भीड़ में घुस जाते हैं और इसके बाद हिंसा फैलाना शुरू कर देते हैं। साथ ही बताया कि इस्लाम में किसी भी व्यक्ति को दूसरे की संपत्ति का नुकसान करने की इजाज़त नहीं है। हम लोगों को स्थिति से शांतिपूर्ण तरीके से निपटने का प्रयास करना चाहिए।
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद के अलावा मौलान रजा हुसैन, मौलाना शबाहत हुसैन, सूफी धर्मगुरु मौलाना जलालुद्दीन, मौलाना मोइनुद्दीन अशरफ, मौलाना अलीशाह मलंग तथा मौलाना हसनैन बकई सहित मुस्लिम समुदाय के कई धर्मगुरुओं ने प्रदेश भर में शांति बनाने के लिए तथा लोगों की गलतफहमियों को दूर करने के लिए जनजागरण करने का फैसला लिया है।