सरकारी विभागों में संविदा भर्ती पर रोक एवं चिंता को शशांक शेखर ने बताया सराहनीय

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राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह ने हाइकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ न्यायमूर्ति मुनिश्वरनाथ भंडारी व न्यायमूर्ति विकास कुंवर श्रीवास्तव की पीठ द्वारा सरकारी विभागों में संविदा भर्ती पर रोक एवं चिंता को सराहनीय बताया है।

राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच शशांक शेखर सिंह के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में आउटसोर्सिंग प्रथा समाप्त करने के लिए जन जागरूकता अभियान एवं धरना- प्रदर्शन के माध्यम से सरकार के लंबे अरसे से आउटसोर्सिंग(सेवाप्रदाता) को समाप्त करने समेत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के शोषण के विरूद्ध आवाज उठाते रहे है।निश्चित रूप से यह राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह की लाखों नौजवानों के भविष्य को लेकर बड़ी जीत की तरफ व दूरदर्शी सोच का द्योतक है।

वो लोगों को तोड़ते हैं, हम जोड़ते हैं -उद्धव ठाकरे

शेखर का स्पष्ट कहना है कि किसी भी कीमत पर आउटसोर्सिंग प्रथा समाप्त होना चाहिए।कंपनियो के हस्तक्षेप से शोषण कभी बंद नही हो सकता है।उन्होंने पूर्व व वर्तमान सरकार तथा कर्मचारी ठेकेदारों को हमेशा आड़े हाथों लेते रहे है और कहना है कि जब आउटसोर्सिंग जैसी कुप्रथा की रचना रची जा रही थी तो तथा कथित ठेकेदारों का पता नही था।आज आउटसोर्सिंग जैसे बड़े मुद्दे पर अपने को राजनीतिक हासिये पर देखते हुए सेवाप्रदाता कर्मचारियों के सवालों से बचने के लिए गुमराह कर रहे है।

आपको बता दे की संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह के लगातार 2014 से प्रयाश पर हाइकोर्ट ने भी मुहर लगा दिया है। न्यायालय के बेरोजगारों के प्रति चिंता पर सरकारों को ध्यान देना चाहिए। तथा स्वयं उच्चन्यायालय को समस्त प्रकरण को संज्ञान में लेकर कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा अनियमितता एवं शोषण की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश देने चाहिए।

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