प्रतियोगिता के अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने प्रतिस्पर्धा का सही महत्व समझाया

आज के इस दौर में प्रतिस्पर्धा हर जगह होती जिसका होना देखा जाए तो यह जरूरी भी है। इस प्रतिस्पर्धा का सही मतलब आज के बच्चो को समझाना जरूरी है क्योंकि ये ही हमारे देश का भविष्य है। इन्ही बातो को ध्यान में रखते हुए हमारे महापौर संयुक्ता भाटिया ने 65वी प्रदेशीय माध्यमिक विधायलिय प्रतियोगिता में बच्चों को प्रतिस्पर्धा से मिलने वाले लाभ से अवगत कराया।

महापौर ने किया प्रतियोगिता का शुभारंभ

दिनाँक 03।10।2019 को 65वी प्रदेशीय माध्यमिक विधायलिय तैराकी, डाइविंग एवं वाटरफ्लो प्रतियोगिता का आयोजन के०डी० सिंह बाबू स्टेडियम में किया गया। जहाँ महापौर संयुक्ता भाटिया ने द्वीप प्रज्वलित कर इस प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। साथ ही महापौर ने प्रतियोगिता का शुभारंभ विधिवत घोषणा करते हुए किया।

राजधानी में निस्तारित की गई जनता की समस्याएं

इस आयोजित प्रतियोगिता में एकल पुष्प द्वारा महापौर का स्वागत पर संयुक्त निदेशक सुरेंद्र तिवारी द्वारा हुआ।
महापौर संयुक्ता भाटिया के साथ इस प्रतियोगिता में संयुक्त निदेशक सुरेंद्र तिवारी, उप शिक्षा निदेशक विभा मिश्रा, डीआईओएस मुकेश सिंह, डीआईओएस नंद कुमार मंडलीय विज्ञान अधिकारी डॉक्टर दिनेश जायसवाल, शिक्षा विभाग के अधिकारी और प्रदेश भर से आये हुए प्रधानाचार्यो ने अपनी उपस्थिति दी।

प्रतिस्पर्धा का महत्व

65वी प्रदेशीय माध्यमिक विधायलिय प्रतियोगिता के अवसर पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने बच्चो को प्रतिस्पर्धा का सही महत्व समझाते हुए सन्देश दिया कि खेलो में प्रतिस्पर्धा होने से बच्चों में आगे बढ़ने की भावना का निर्माण होता हैं। इस प्रतिस्पर्धा से खुद को आगे बढ़ाने के लिए खुद के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ ही साहस को भी सबल मिलता हैं। इसके आलावा प्रतिस्पर्धा से बच्चों में आगे बढ़ने की भावना का विकास होता है।

साथ ही खेल को प्रतिस्पर्धा की भावना से खेला जाना चाहिए। खेल में हार-जीत से आगे बढ़ने और बराबरी करने का अवसर मिलता है। इस प्रकार के आयोजनों द्वारा बच्चों के व्यक्तित्व का विकास होता है। खिलाड़ियों के लिए पढ़ाई के साथ साथ खेल का भी बड़ा महत्व है। खिलाड़ियों को प्रर्तिस्पर्धा के इस दौर में शुरू से ही आगे बढ़ने के लिये प्रयासरत रहना चाहिए।

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