आज अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाल श्रमिक विद्या योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत प्रदेश के उन सभी गरीब श्रमिक बच्चों को लाभ मिलेगा जो विद्या अर्जित करना चाहते हैं लेकिन आरती की स्थिति सही ना होने के कारण पढ़ाई से दूर हो जाते हैं और मजदूरी करने लगते हैं।
बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत 8 वर्ष से 18 वर्ष तक के उन सभी बच्चों को जिन्हें स्कूल में होना चाहिए। लेकिन परिवारिक परिस्थितियों सही ना होने के कारण अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए बाल मजदूरी करना पड़ता है। प्रदेश के ऐसे सभी बच्चों की सहायता की जाएगी।
Lucknow: Chief Minister Adityanath Yogi launches 'Bal Shramik Vidya Yojana' on the ocassion of #WorldDayAgainstChildLabour. pic.twitter.com/h2QcCLJBAq
— ANI UP (@ANINewsUP) June 12, 2020
बाल श्रमिक विद्या योजना में आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को प्रति वर्ष 6000 रुपए की अतिरिक्त सहायता देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना के पहले चरण में उत्तर प्रदेश के 57 जनपदों में सर्वाधिक बाल श्रम से जुड़े हुए कामकाजी बच्चे अब तक रिकॉर्ड किए गए हैं।
इन 57 जनपदों में 2000 बच्चों का चयन प्रारंभ में किया गया है। आगे और भी इस तरह के बच्चों को इस योजना से जोड़कर लाभ देने का प्रयास किया जाएगा। बाल श्रमिक विद्या योजना में बालकों को प्रतिमाह 1000 रुपए और बालिकाओं को 1200 रुपए प्रति माह देने की व्यवस्था भी की गई है।