यमुना एक्सप्रेसवे में हुए घोटाले को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ (CEO) पीसी गुप्ता सहित अन्य 21 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इन सभी लोगों पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी करने, जालसाजी तथा आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के लिए मुकदमा दर्ज हुआ है।
Yamuna Expressway Case: CBI has registered case against Yamuna Expressway Industrial Development Authority former CEO PC Gupta and 21 others on charges of criminal conspiracy, cheating,forgery and abuse of official position.
— ANI UP (@ANINewsUP) December 25, 2019
यमुना एक्सप्रेसवे घोटाले को लेकर सीबीआई ने छानबीन शुरू कर दिया है। यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए मथुरा में प्लॉट खरीदे गए जिसमे 126 करोड़ रुपये की हेरा फेरी सामने आयी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस सम्बंध में सीबीआई जांच का आदेश दिया है। सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने आरोप लगते हुए कहा है कि यमुना एक्सप्रेसवे के लिए मथुरा के 7 गांवों में 85 करोड़ रुपये की जमीन लिया था जिसका भुगतान यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की तरफ से किया गया था। इस परियोजना में प्रदेश सरकार को 126 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
एक्सप्रेस-वे में हुए घोटाले को लेकर अफसरों पर होगी कार्यवाही
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व महाप्रबंधक (GM) रविंद्र तोगड़ पर सितम्बर 2018 में करोड़ों रुपए का गबन करने का मामला सामने आया था। इस मामले में आयकर विभाग के करीब 50 अधिकारियों ने जारचा थाना के अंतर्गत आनंदपुर गांव में स्थित उनकी कोठी पर छापा मारा था। रविंद्र तोगड़ को पीसी गुप्ता और इंजीनियर यादव सिंह का बेहद करीबी बताया जा रहा है। वह नोएडा प्राधिकरण के प्रॉपर्टी विभाग में तैनात थे।