सोनभद्र:। जिले में स्थित कोल इंडिया की एनसीएल की मौजूद तमाम परियोजना के श्रमिकों द्वारा कमर्शियल माइनिंग को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए। कोयला श्रमिकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कमर्शियल माइनिंग का विरोध प्रदर्शन किया विरोध प्रदर्शन में कोयला श्रमिक महिलाओं ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
कोयला श्रमिकों द्वारा बताया गया कि कमर्शियल माइनिंग और सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने जा रहे भारत सरकार के इस इस फैसले को लेकर कोयल श्रमिकों द्वारा तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है हड़ताल पर मौजूद कोयला श्रमिकों द्वारा बताया गया कि केंद्र सरकार 50 कोल ब्लॉक की नीलामी करने जा रही थी पर कोयला श्रमिकों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने की वजह से नीलामी नहीं सफल हो पाई जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा तेजी दिखाते हुए 18 जून को कोल ब्लॉक नीलामी उद्घाटन के माध्यम से पूंजी पतियों को कोयला ब्लॉक सौंपने के लिए आमंत्रण दिया गया है जिससे श्रम संगठन सहित सभी एसोसिएशन ने 2 से 4 जुलाई तक तीन दिवसीय हड़ताल का आवाहन किया है।
कोयला श्रमिकों ने भारत सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया है कि कमर्शियल माइनिंग की आड़ में कोयला उद्योग का निजीकरण करने का प्रयास कर रही है जिससे कोयला उद्योग का अस्तित्व खत्म हो जाएगा और मजदूरों को मिलने वाला वेतन एवं सुविधाएं भी प्रभावित हो जाएंगी मजदूरों की स्थिति 1972 के पूर्व निजी करण दौर जैसी हो जाएगी सरकार कोल इंडिया की रीड समझी जाने वाली सहायक कंपनी सीएमपीडीआईएल को कोल इंडिया से अलग करने से कोल इंडिया पंगु हो जाएगी सरकार इस निर्णय को वापस ले।
रिपोर्ट:-प्रवीण पटेल…