व्यापारियो को मिला कोरा आश्वासन

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हैदरगंज क्षेत्र में व्यापारियों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब एक प्रस्तावित ओवरब्रिज का निर्माण होने के कारण उनकी दुकानों के तोड़े जाने से पहले दी गयी सूचना की मियाद पूरी हो गयी। नगरनिगम द्वारा दुकाने तोड़े जाने के ठीक एक दिन पहले हैदरगंज और आसपास के क्षेत्रों के व्यापारी आज सुबह से ही हैदरगंज चौराहे पर एकत्र होने लगे और देखते ही देखते वहां पर सैकड़ों व्यापारियों का हुजूम इकट्ठा हो गया। वहां पर व्यापारियों के द्वारा उनकी दुकानों का कुछ हिस्सा तोड़े जाने के विरोध में एक सांकेतिक धरने का आयोजन किया गया।

व्यापारियों का कहना था कि वे किसी भी प्रकार से ओवरब्रिज बनाये जाने या विकास कार्यों के कराए जाने का विरोध नही कर रहे उनकी मांग केवल इतनी है कि जिस माप के हिसाब से उनकी दुकानों को तोड़ने का जो आदेश पारित किया गया है। उस माप को कुछ कम कर लिया जाय ताकि व्यापारी वहां पर अपने व्यापार का संचालन सुचारू रूप से कर सकें।

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मौके पर पहुँचे सहायक जिलाधिकारी महोदय ने भी मीडिया से बात करते समय मीडिया के प्रश्नों का कोई संतोषजनक जवाब नही दिया। महज़ खानापूर्ति के लिए पहुचे सहायक जिलाधिकारी महोदय मीडिया को गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ते हुए नज़र आये। हैदरगंज तिराहे पर सांकेतिक धरने पर बैठे व्यापारिक संगठनों के नेता सुरेन्द्र मोदी तथा मो०तौहीद सिद्दीकी “नज़मी ” ने इस विषय में जिलाधिकारी, लखनऊ से भी इस विषय में मोबाइल फोन से वार्ता की पर ऐसा लगा कि जिलाधिकारी लखनऊ से भी इन नेताओं को कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं मिला। कुल मिला कर यह कहा जा सकता है कि व्यापारियों का यह सांकेतिक धरना समस्या का हल निकालने मे असफल रहा है।

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