अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन नाम की दवा मांगी थी। इसमें देरी होने पर ट्रंप ने अपने एक बयान में कहा था कि अगर भारत अमेरिका को दवा नहीं देता है तो मुझे बहुत हैरानी होगी। भारत अमेरिका का रिश्ता शुरुआत से ही अच्छा रहा है। लेकिन अगर वो हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन दवा नहीं देते हैं तो हम उनको इसका जवाब देंगे।
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भारत में अमेरिका के इस बयान पर कहा था कि हमारी प्राथमिकता हमारा देश है। पहले हम देखेंगे कि देश में हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन दवा पर्याप्त मात्रा में हो। इसके बाद ही हम अन्य जरूरतमंद देशों को इसका निर्यात करेंगे। इसके बाद कल मंगलवार को भारत ने हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया है। ऐसा मानवीय आधार पर किया गया है। क्योंकि अमेरिका के अलावा कई देशों ने इस दवा के निर्यात के लिए आग्रह किया गया है और उन देशों में संक्रमित मरीजों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। मालूम हो भारत इस दवा का मुख्य निर्यातक देश है। ऐसे में अन्य जरूरतमंद देशों की मदद करना भारत का कर्तव्य है।
ट्रंप के बदले सुर
प्रतिबंध हटते ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बोल बदल गये। कल उन्होंने नतीजे भुगतने की धमकी दी थी और आज कहा की मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि क्या वह हमें हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन दवा देंगे? वो शानदार थे। भारत ने अभी तक अपनी जरूरत के लिए इस दवा के निर्यात पर रोक लगाई थी, वो सही थे। ट्रंप ने बताया कि हमने भारत से 29 मिलियन डोज हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन दवा के खरीदे हैं।