इस साल की देव दीपावली में तोड़ी गई 25वर्षों की परम्परा

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वाराणसी में पारंपरिक रूप से मनाया जाने वाला ‘देव दीपावली’ पर्व 12 नवंबर को मनाया जायेगा। लेकिन इस बार इस देव दीपावली की चमक फीकी नजर आएगी। क्योकि इस बार देव दीपावली पर महाआरती नहीं होगी। प्रशासन द्वारा गंगा पर स्टेज बनाने से रोके लगा दी गई है। बता दे की 25 सालों से जहाँ दशाश्वमेध घाट पर महाआरती होती आई है उसी तरह इस बार भी इस महाआरती का आयोजन होना था। लेकिन प्रशासन ने इसे स्‍थगित करने का निर्णय लिया है।

आपको बता दे की गंगा सेवा निधि द्वारा बीते कई वर्षों से देव दीपावली के मौके पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता था। सामान्य दिनों की तरह ही दशाश्वमेध घाट पर आरती आयोजित की जाएगी। गंगा सेवा निधि प्रबंधन ने रविवार को निर्णय लिया कि देव दीपावली के दिन सात अर्चकों द्वारा ही सामान्‍य आरती की जाएगी। उनके इस निर्णय से 25 साल पुरानी परम्परा टूट जाएगी।

ऐसा निर्णय इस लिए लिया गया क्योकि गंगा में पर्याप्त पीपा उपलब्ध नहीं हो पाए है। इस कारण हर साल आयोजित होने वाली भव्य महाआरती को रद्द कर दिया गया है।बता दे की यह निर्णय गंगा सेवा निधि की बैठक के बाद रविवार को लिया गया। इस निर्णय के बारे मे प्रधानमंत्री और सांसद नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है।

गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि देव दीपावली पर मां गंगा की महाआरती का आयोजन करना संभव नहीं हो पा रहा है।घाट पर पर्याप्त स्थान नहीं होने से विशिष्ट अतिथियों के लिए अलग से मंच नहीं बन सकेगा। भीड़ अधिक होने से फिल्म स्टार और विशिष्ट अतिथियों की सुरक्षा को लेकर खतरा हो सकता है। प्रशासन की ओर से ऐन मौके पर पीपे की अनुमति नहीं दी गई है तो हमने भी दशाश्वमेध घाट पर होने वाली महाआरती को रद्द करने का निर्णय लिया है।

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