उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के मंदिर मामले में फिर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य में अराजकता है, क्या उत्तर प्रदेश में कोई भी मंदिर बना सकता है? क्या कोई भी पैसे उगाह सकता है? उनके इस सवाल का सरकार के पास कोई जवाब नहीं था ।
छह हफ्ते के अंदर धार्मिक संस्थानों पर नियंत्रण के लिए कानून बनाने का दिया आदेश
उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा अब उत्तर प्रदेश धार्मिक संस्थानों पर नियंत्रण के लिए कानून छह हफ्ते में ही बनाए।उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में स्थित श्री सर्वमंगला देवी बेला भवानी मंदिर मामले में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई की। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई। सुनवाई के दौरान अदालत ने यूपी सरकार से कहा कि ये अराजकता है। क्या उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक आदेश के तहत कुछ भी कर सकते हैं।
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हमें लोगों से मतलब-कोर्ट
बता दें की अदालत ने सरकार से कहा कि मंदिरों और धार्मिक संस्थानों के नियमन के लिए केंद्र सरकार का भी कानून है उन्होंने कहा की साथ ही कई राज्यों में भी कानून है। जब आपके राज्य में कानून नही है तो आपने केंद्र सरकार के कानून को क्यों नहीं अपनाया ? अदालत ने फटकार लगाते हुए यूपी सरकार को छह हफ्ते के अंदर यह सूचित करने के लिए कहा है कि वह कानून बना रहे हैं या नहीं। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि यह मामला केवल मंदिर का नहीं, बल्कि लोगों से आस्था से जुड़ा हुआ है। अदालत ने कहा की हमें लोगों से मतलब है।
उत्तर प्रदेश सरकार से हो चुके हैं परेशान
बता दें की इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा था कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से परेशान हो चुके हैं। ऐसा लगता है उत्तर प्रदेश में जंगलराज है। उन्होंने कहा की आखिर ऐसा क्यों होता है कि अधिकतर मामलों में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास संबंधित अथॉरिटी का कोई उचित निर्देश नहीं होता। बुलंदशहर के सैकड़ों वर्ष पुराने एक मंदिर से जुड़े प्रबंधन के मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने यह टिप्पणी की थी। इस पर नाराज होकर पीठ ने कहा था, ऐसा लगता है कि राज्य सरकार चाहती ही नहीं कि वहां कानून हो।