दिल्ली में कोरोना से संक्रमित लोगों के इलाज और शवों के साथ किए जा रहे सलूक के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज शुक्रवार को सुनवाई हुई और कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शवों को अव्यवस्थित तरीके से क्यों रखा जा रहा है और कोरोना की जांच में कमी क्यों की गई है आखिर यह हो क्या रहा है?
मालूम है सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कोई संज्ञान लिया था दरअसल दिल्ली में तेजी से बढ़ते कोरोना मामले के बीच सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के वायरल हुए, जिनम देखा गया कि कई शवों को शवगृह में न रखकर मरीजों के साथ ही रखा गया है। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो अस्पताल में इलाज करा रहे हैं मरीजों ने ही डाला था।
इस मामले का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों और शवों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है। आज सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि जहां मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों में जांच 15000 से 17000 तक पहुंच गई है वहीं दिल्ली में 7000 से 5000 तक जांच हो गई है।
सुनवाई के बाद इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्य सरकारों व केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिल नाडु की सरकारों को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल को भी नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी और राज्य सरकार व केंद्र को 17 जून तक जवाब देना होगा।