citizen amendment act (CAA) को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में 44 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जिसमे से ज्यादातर नागरिकता कानून के खिलाफ थी। कोर्ट में सुनवाई के समय कांग्रेस नेता व वकील कपिल सिब्बल ने CAA पर रोक लगाने की अपील की पर सुप्रीम कोर्ट ने CAA पर रोक लगाने से अभी मना कर दिया है क्योंकि कोर्ट इस मामले पर केंद्र का भी पक्ष सुनेगा और इसके लिए 1 महीने का समय केंद्र को दिया गया है।
Supreme Court does not put stay the #CAA and #NPR process. Court indicates setting up of Constitution Bench to hear the petitions challenging CAA. The bench will work out the schedule for hearing the cases and take up the cases after 5 weeks to pass interim orders. pic.twitter.com/QLXzLhf5vQ
— ANI (@ANI) January 22, 2020
CJI एसए बोबड़े ने केंद्र से पूछा की असम से संबंधित याचिका कब दायर करेंगे? जिसपर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अदालत से कहा- हम दो सप्ताह में याचिका दायर करेंगे। जिसे CJI ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही कोर्ट CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन कर सकता है और ये पीठ याचिकाओं की सुनवाई के लिए अनुसूची तैयार करेगी व अंतरिम आदेशों को पारित करने के लिए 5 सप्ताह के बाद मामले उठाएगी। CJI ने ये भी कहा की हम सरकार से कुछ अस्थायी परमिट जारी करने के लिए कह सकते हैं।
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60 याचिकाएं दी गयी केंद्र को
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में बताया की 143 याचिकाएं में से 60 की प्रतियां सरकार को दे दी गयी है। बता दें CAA के विरोध में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, आरजेडी नेता मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी, जमीयत उलमा-ए-हिंद, असम के सभी छात्र संघ (एएएसयू), पीस पार्टी, एसएफआई, और सीपीआई है। इसके साथ कुछ याचिकाएं CAA के समर्थन में भी है।