जैसे-जैसे Shri Ram Mandir निर्माण प्रारंभ होने की तिथि नजदीक आती जा रही है। वैसे-वैसे नेताओं और साधु-सतों के बयान भी सामने आ रहे हैं। 5 अगस्त को Bhoomi Pujan के बाद श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। लेकिन इससे पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने Muhurat को लेकर सवाल उठाए हैं।
ये चाह नहीं है कि हमें कोई ट्रस्टी या पदाधिकारी बनाया जाए। हम तो राम भक्त हैं। राम मंदिर कोई भी बनाता है सही ढंग से बनाता है तो हमें प्रसन्नता होगी पर ये सब उचित तिथि और उचित मुहुर्त में होना चाहिए। जिस मुहुर्त में ये हो रहा है ये अशुभ घड़ी है: शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती pic.twitter.com/GtpA0k8JR6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2020
shankaracharya swaroopanand saraswati ने कहा कि “मुझे चाह नहीं है कि हमें कोई ट्रस्टी या पदाधिकारी बनाया जाए। हम तो राम भक्त हैं, राम मंदिर कोई भी बनाता है सही ढंग से बनाता है तो हमें प्रसन्नता होगी पर यह सब उचित तिथि और उचित मुहूर्त में होना चाहिए। जिस Muhurat में यह हो रहा है यह अशुभ घड़ी है।
आगे उन्होंने कहा कि जब श्री राम मंदिर जनता के पैसे से बन रहा है तो जनता की राय भी लेनी चाहिए कि मंदिर का मॉडल क्या होना चाहिए।
अयोध्या: साधु-संतों ने दी चुनौती
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के इस बयान के बाद Ayodhya में साधु-संतों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि शंकराचार्य महाराज जी को हनुमान चालीसा से लेकर ऋग्वेद तक का ज्ञान है तो उन्हें यहां आकर यह साबित करना चाहिए कि 5 August को भूमि पूजन का मुहूर्त गलत है।
बता दें 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Bhoomi Pujan कार्यक्रम में शामिल होंगे और राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखेंगे। इसके बाद से भव्य Shri Ram Mandir का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। अगले 3 से साढ़े 3 वर्षों में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। इसके लिए 10 करोड़ परिवारों से राशि एकत्रित करने की योजना है।