उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) तथा भारतीय राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था। राज्य के मुजफ्फरनगर जिले में पिछले साल 20 दिसंबर को सीएए के खिलाफ बवाल करवाने के आरोप में पीएफआई के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सोमवार को पुलिस ने कहा कि रविवार देर रात को पीएफआई गिरोह के फरमान, नफीस, इद्रिश तथा मुरसलीन को गिरफ्तार किया गया है। कोतवाली के थाना प्रभारी अनिल कपरवान का कहना है कि इन लोगों के पास से सीएए के खिलाफ कुछ पर्चों को जब्त किया गया है।
Awanish K Awasthi, Additional Chief Secretary, UP Home Department: More information is being gathered about the organization, including information of their financial transactions. We are also taking assistance from central agencies, our target is to identify them & take action. https://t.co/NfH9ukE8od
— ANI UP (@ANINewsUP) February 3, 2020
उत्तर प्रदेश गृह विभाग (Uttar Pradesh Home Department) के अपर मुख्य सचिव अवनीश के अवस्थी (Additional Chief Secretary Awanish K Awasthi) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया के सम्बन्ध में बताया है कि “पिछले 4 दिनों में 108 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, ये 25 के अलावा हैं जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था”। उन्होंने आगे कहा कि “संगठन के बारे में अधिक जानकारी एकत्रित की जा रही है, जिसमें उनके वित्तीय लेनदेन की जानकारी भी शामिल है। हम केंद्रीय एजेंसियों से भी सहायता ले रहे हैं, हमारा लक्ष्य उन्हें पहचानना और कार्रवाई करना है”।
CAA के विरोध प्रदर्शन के दौरान JMI के छात्र पर चलाई गोली
उत्तर प्रदेश की पुलिस ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पूरे प्रदेश में बवाल करवाने का संदेह पीएफआई संगठन पर ज़ाहिर किया था और दिसंबर 2019 में संगठन को प्रतिबंधित करने की मांग किया था। प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह (DGP OP Singh) ने उत्तर प्रदेश में पीएफआई के प्रमुख वसीम तथा अन्य 16 लोगों को लखनऊ में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की साज़िश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था और इसके बाद उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग किया था। डीजीपी ओपी सिंह अभी 31 जनवरी को ही रिटायर हुए हैं।