पंजाब के अमृतसर में एक ही परिवार के पांच लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद यहां अदालत ने आरोपी पाए गए 6 लोगों को सज़ा सुना दी है। इसमें पूर्व DIG कुलतार सिंह सहित 5 लोगों को 8 साल की सजा सुनाई गई है जबकि मौजूदा DSP हरदेव सिंह को 4 को सजा मिली है। साथ ही अमृतसर की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत द्वारा सभी आरोपियों पर जुर्माना भी ठोंका गया है। वर्ष 2004 में यह बहुचर्चित सामूहिक आत्महत्या का मामला सामने आया था जिसमे इन सभी आरोपियों पर इस परिवार को ब्लैकमेल करने का आरोप लगा था। आरोपी करार दिए गए लोगों में 4 लोग आत्महत्या करने वाले परिवार के ख़ास रिश्तेदार हैं।
अमृतसर के चौक मोनी क्षेत्र के निवासी हरदीप सिंह ने अपनी मां, पत्नी, बेटे और बेटी के साथ दो पुलिस अधिकारियों तथा 4 रिश्तेदारों के ब्लैकमेल करने से परेशान होकर आत्महत्या कर लिया था। हरदीप का अपने पिता से पारिवारिक संपत्ति को लेकर कुछ झगड़ा हो गया था जिसमे पिता सुंदर सिंह की मौत हो गई थी। इस मामले के बाद हरदीप अपने पिता के शव को गुपचुप तरीके ठिकाने लगा रहा था लेकिन उसके ताऊ महिंदर की बहू सबरीन कौर ने उसे ऐसा करते हुए देख लिया और फिर ब्लैकमेलिंग का दौर शुरू हो गया जिसमे दो पुलिसकर्मी भी शामिल हो गए। इस ब्लैकमेलिंग से ऊबकर पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली।
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अमृतसर की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत के न्यायाधीश संदीप सिंह बाजवा ने दोनों पुलिसकर्मियों समेत सभी आरोपियों को सज़ा सुनाई और कुलतार पर 23000 रुपये और डीएसपी हरदेव सिंह पर 20000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आत्महत्या करने वाले परिवार के 4 रिश्तेदारों में महिंदर सिंह, उसकी बहू सबरीन कौर, बेटी परमिंदर कौर और दामाद पलविंदर पाल सिंह को सज़ा दी गई है।