सुप्रीम कोर्ट ने आज बहुत बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले के तहत अब पिता की संपत्ति पर जितना अधिकार बेटे का होगा उतना ही अधिकार बेटी का भी होगा। कोर्ट के इस फैसले से बेटियों को बड़ी राहत मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने की खास टिप्पणी
आज जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि बेटियां हमेशा बेटियां ही रहती हैं। एक बेटी अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक अपने माता-पिता के लिए प्यारी होती है। शादी के बाद बेटियों का प्यार अपने माता-पिता के प्रति और बढ़ जाता है।
जबकि शादी के बाद बेटों की नियत और व्यवहार दोनों में बदलाव आ जाता है। आज लड़कियां लड़कों से किसी भी मामले में कम नहीं है। हर क्षेत्र में वे अपनी काबिलियत साबित कर रहीं हैं। ऐसे में संपत्ति के मामले में भी उन्हें बराबर का हक मिलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के अनुसार पिता की संपत्ति में जितना हक बेटों का होगा उतना ही हक अब बेटियों का भी होगा और यह फैसला आज से नहीं बल्कि 9 सितंबर 2005 से पहले भी यदि किसी पिता की मृत्यु हुई हो और बाद में उसकी संपत्ति में बंटवारा हुआ हो, तो उसमें जितना हिस्सा बेटों को मिलेगा उतना ही हिस्सा बेटियों को भी मिलेगा।