उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) में कर्मचारियों के भविष्य निधि (PF) में हुए घोटाले को लेकर आईएएस (IAS) आलोक कुमार से पूछताछ की गई। ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने बुधवार को गौतमपल्ली स्थित उनके सरकारी आवास पर जाकर पूछताछ किया। आईएएस आलोक कुमार यूपीपीसीएल के पूर्व चेयरमैन रह चुके हैं और अब औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव हैं।
यूपीपीसीएल घोटाले मामले में कई अन्य बिंदुओं पर बयान दर्ज किए हैं। ईओडब्ल्यू ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कार्पोरेशन लिमिटेड (DHFL) में निवेश को लेकर आलोक कुमार से पूछा कि एक निजी कंपनी में गलत तरह से डेढ़ साल से अधिक समय तक निवेश किया गया, इस पर पाबन्दी क्यों नहीं लगाई गई?
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आलोक कुमार ने इसपर जवाब दिया कि शुरू में उनको इसकी जानकारी नहीं थी और जब पता चला तब तक कर्मचारियों का भविष्य निधि का 2631.20 करोड़ रुपया डीएचएफएल में जमा किया जा चुका था। आलोक कुमार ने आगे कहा कि इसका पता चलने के बाद उन्होंने निवेश पर रोक लगा दी साथ ही डीएचएफएल से 1185.50 करोड़ रुपये ट्रस्ट को वापस भी दिलाया। उन्होंने बताया कि पहले से ही पैसों के निवेश के लिए इंतेज़ाम हो चुके थे। इसमें वित्त निदेशक और ट्रस्ट के सचिव द्वारा फैसला लिया जाता है।