इतनी कम आयु में प्रियव्रत ने महापरीक्षा पास कर रचा इतिहास, पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

हमारे भारत की संस्कृति बहुआयामी है। इस संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए 16 साल के प्रियव्रत ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने अपने पिता के साथ वेदों और न्याय का अध्ययन करते हुए सभी व्याकरण ग्रंथों का अध्ययन करके तेनाली परीक्षा (महापरीक्षा) के 14 स्तरों को सबसे कम समय में पास करने की सफलता हासिल की है। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी इस सफलता के लिए चामू कृष्ण शास्त्री के ट्वीट को रिट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रियव्रता की ये उपलब्धि कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत का काम करेगी।

क्या होती है महापरीक्षा

इस परीक्षा को तेनाली परीक्षा भी कहा जाता है। इस परीक्षा को पास करने हेतु भारतीय वेदों और शस्त्रों अध्ययन किया जाता है। इस परीक्षा के 14 स्तर होते हैं। सभी स्तरों को पास करने लिए छात्र अत्यंत ही कठिन परिश्रम करते हैं। महज 16 साल की आयु में प्रियव्रत ने इस परीक्षा के सभी स्तरों को पास करके इतिहास रच दिया है।

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माता-पिता ने निभाई अहम् भूमिका

प्रियव्रत ने अपनी मां अपर्णा और पिता देवदत्ता पाटिल की मदद से इस सफलता को हासिल किया। उन्होंने बताया की उनके पिता ने उन्हें वेद पढ़ाने में पूरा सहयोग किया। अक्सर माता-पिता अपने बच्चों को शास्त्रों की पढ़ाई कराने के लिए आगे नहीं बढ़ते हैं और न ही प्रोत्साहित करते है लेकिन प्रियव्रत के माता-पिता ने काफी अहम भूमिका निभाई है।

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