स्पेशल ट्रेनों के टिकट को लेकर घमासान, जाने रेलवे ने क्या कहा था

special trains for migrants

लॉक डाउन होने के बाद से ही देश के विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिक और कामगार अपने घरों के लिए पैदल, साइकिल या रिक्शा से निकल पड़े थे। इन सभी की परेशानी को देखते हुए ,सरकार ने स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने का फैसला किया था। प्रतिदिन स्पेशल ट्रेनों के द्वारा हजारों लोगों को उनके गृह जनपद तक पहुंचाया जा रहा है। लेकिन अब इस पर राजनीति शुरू हो गई है।

स्पेशल ट्रेनों के द्वारा लोगों को उनके घर तक तो पहुंचाया जा रहा है लेकिन उनसे टिकट के पैसे वसूलने को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि गरीब मजदूरों से किराया लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। विदेशी यात्रियों को प्लेन से मुफ्त में भारत वापस लाया जाता है और ट्रंप के स्वागत में 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। जबकि इन गरीब लोगों से पैसे लिए जा रहे हैं। इसलिए अब कांग्रेस इन सभी को घर पहुंचाने का खर्च उठाएगी।

स्पेशल ट्रेनों को लेकर रेलवे ने जो आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि “राज्य सरकारें जिन यात्रियों को यात्रा के लिए चुनेंगी। उनको एक अधिकारी द्वारा टिकट दिया जाएगा और वह अधिकारी टिकट का पैसा लेकर रेलवे को देगा। स्पेशल ट्रेनें 500 किलोमीटर दूरी के लिए चलेंगी और एक ट्रेन में लगभग 1200 यात्री सफर कर सकेंगे। इन यात्रियों को मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।” खबर के अनुसार रेलवे राज्य सरकारों से टिकट की लागत का सिर्फ 15 % पैसा ही ले रहा है।

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