केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर बहस करने के लिए विपक्षी नेताओं को चुनौती दी थी जिसके एक दिन बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी विकास पर बहस करने के लिए तैयार है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि उनकी पार्टी किसी भी स्तर पर और किसी भी स्थान पर चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार है। मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कि सरकार महिलाओं तथा युवाओं द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन व संघर्ष से परेशान हो चुकी है।
आति-विवादित CAA/NRC/NPR के खिलाफ पूरे देश में खासकर युवा व महिलाओं के संगठित होकर संघर्ष व आन्दोलित हो जाने से परेशान केन्द्र सरकार द्वारा लखनऊ की रैली में विपक्ष को इस मुद्दे पर बहस करने की चुनौती को BSP किसी भी मंच पर व कहीं भी स्वीकार करने को तैयार है।
— Mayawati (@Mayawati) January 22, 2020
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएए पर बहस करने के लिए बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था, नौकरियों या विमुद्रीकरण पर बहस नहीं करना चाहती है। पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि “बहस के सवाल के रूप में, मैं भाजपा के लोगों से कहता हूं, एक जगह और मंच चुनें, और भाजपा अपने पसंदीदा चैनलों को भी बुला सकती है। हम विकास पर बहस के लिए तैयार हैं”। उन्होंने बीजेपी पर भारतीय संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया क्योंकि उनके पास पूर्ण बहुमत था लेकिन वह इस बहुमत से लोगों की आवाज़ को नहीं दबा सकते हैं।
अमित शाह ने कहा मौनी बाबा की सरकार नहीं 56 इंच के सीने..
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बुधवार को एक ट्वीट करते हुए कहा कि अमित शाह उन लोगों को चुनौती दे रहे थे जिन्होंने उनके खिलाफ लड़ने के लिए अपने घर से बाहर कदम नहीं रखा था। उन्होंने आगे कहा कि “जिन्हें गृहमंत्रीजी को चुनौती देनी चाहिए वे दूसरे प्रदेशों की समस्याओं की बातें कर रही हैं। उप्र की जागरूक जनता सब समझती है।
अजीब दास्ताँ है ये..कहाँ शुरू कहाँ खतम..
गृहमंत्रीजी उप्र में उन्हें चुनौती दे रहे हैं जो उनके खिलाफ लड़ने के लिए घर से बाहर तक नहीं निकले और जिन्हें गृहमंत्रीजी को चुनौती देनी चाहिए वे दूसरे प्रदेशों की समस्याओं की बातें कर रही हैं।
उप्र की जागरूक जनता सब समझती है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 22, 2020
अमित शाह ने मंगलवार के दिन एक रैली को सम्बोधित करते हुए विपक्षी दलों पर सीएए के बारे में गलतफहमी फैलाने, दंगे और आगजनी के लिए भड़काने का आरोप लगाया। इस के साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव, मायावती, राहुल गांधी और ममता बनर्जी जैसे अन्य कई विपक्षी नेताओं को मंच पर आने तथा सीएए पर पांच मिनट के लिए बोलने की खुली चुनौती भी दी और इसके लिए कोई भी मंच चुनने के लिए कहा था।