CAA पर बहस के लिए सपा व बसपा ने स्वीकार की चुनौती

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर बहस करने के लिए विपक्षी नेताओं को चुनौती दी थी जिसके एक दिन बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी विकास पर बहस करने के लिए तैयार है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि उनकी पार्टी किसी भी स्तर पर और किसी भी स्थान पर चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार है। मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कि सरकार महिलाओं तथा युवाओं द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन व संघर्ष से परेशान हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएए पर बहस करने के लिए बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था, नौकरियों या विमुद्रीकरण पर बहस नहीं करना चाहती है। पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि “बहस के सवाल के रूप में, मैं भाजपा के लोगों से कहता हूं, एक जगह और मंच चुनें, और भाजपा अपने पसंदीदा चैनलों को भी बुला सकती है। हम विकास पर बहस के लिए तैयार हैं”। उन्होंने बीजेपी पर भारतीय संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया क्योंकि उनके पास पूर्ण बहुमत था लेकिन वह इस बहुमत से लोगों की आवाज़ को नहीं दबा सकते हैं।

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कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बुधवार को एक ट्वीट करते हुए कहा कि अमित शाह उन लोगों को चुनौती दे रहे थे जिन्होंने उनके खिलाफ लड़ने के लिए अपने घर से बाहर कदम नहीं रखा था। उन्होंने आगे कहा कि “जिन्हें गृहमंत्रीजी को चुनौती देनी चाहिए वे दूसरे प्रदेशों की समस्याओं की बातें कर रही हैं। उप्र की जागरूक जनता सब समझती है।

अमित शाह ने मंगलवार के दिन एक रैली को सम्बोधित करते हुए विपक्षी दलों पर सीएए के बारे में गलतफहमी फैलाने, दंगे और आगजनी के लिए भड़काने का आरोप लगाया। इस के साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव, मायावती, राहुल गांधी और ममता बनर्जी जैसे अन्य कई विपक्षी नेताओं को मंच पर आने तथा सीएए पर पांच मिनट के लिए बोलने की खुली चुनौती भी दी और इसके लिए कोई भी मंच चुनने के लिए कहा था।

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