संजय राउत ने कहा की शिव सेना ने राज्य सभा में मतदान का बहिष्कार किया है। हमारी पार्टी शिव सेना और मैंने महसूस किया की जब उत्तर ठीक से नहीं दिए जाते है, तो बिल का समर्थन या विरोध करना सही नहीं है। हम ये नहीं कह रहे की शरणार्थियों को नागरिकता नहीं दी जाये, नागरिकता दी जाये। लेकिन हमने कहा कि अगर यह वोट बैंक की राजनीति के लिए एक साजिश है और आपके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं, तो उन्हें 25 साल के लिए वोट देने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।
Sanjay Raut, Shiv Sena when asked if Shiv Sena's stand over #CitizenshipAmendmentBill2019 will affect 'Maha Vikas Aghadi' govt in Maharashtra: What effect will it have? We have kept forth our view. We are an independent political party. We have our own role. pic.twitter.com/26LwZ64KLh
— ANI (@ANI) December 11, 2019
CAB and NRC : जाने सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) में अंतर हिंदी में
आगे संजय राउत ने कहा की ‘दूसरी बात, अगर आप भारत की जनसंख्या और संसाधनों को देखें, तो आप कितने लोगों को ले सकते हैं? उन्होंने श्रीलंका में तमिल हिंदुओं पर रुख भी स्पष्ट नहीं किया। बहुत सारी चीजें हैं। महाराष्ट्र में ‘महा विकास अघी’ सरकार को प्रभावित करेगा इसका क्या प्रभाव होगा? हमने अपने विचार को आगे रखा है। हम एक स्वतंत्र राजनीतिक दल हैं। हमारी अपनी भूमिका है।’ मालूम हो की CAB में पाकिस्तान,अफगानिस्तान,बांग्लादेश से आये लोगों को शामिल किया गया है। बिल में इन्ही लोगो को नागरिकता देने के लिए कहा गया है। इसपर विपक्ष ने सवाल खड़ा किया की श्री लंका से आये हिन्दुओं को क्यों नहीं शामिल किया गया है।