महाराष्ट्र में CAA Citizen Amendment Act के समर्थन में बीजेपी और RSS ने रैली निकाली। जिसमे हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए और नागरिकता कानून का समर्थन किया। इस रैली में नारे लगे ‘देश के गद्दारों को गोली मारो सालों को’ और ‘जिसको चाहिए आज़ादी उसको दे दो आज़ादी’। इससे पहले दिल्ली में भी डीयू और अन्य यूनिवर्सिटी के छात्रों ने CAA के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ प्रदर्शन किया था और नारे लगाए ‘आओ ले लो आज़ादी, हम देकर रहेंगे आज़ादी’। दोनों सदनों में CAB पास होने के बाद इसका विरोध तेज़ हो गया था और कई शहरो व राज्यों में प्रदर्शन किये गए ।
प्रदर्शनकारियों को पता नहीं CAA क्या
CAA का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों को खुद नहीं पता की ये क्या है और किसके लिए है। देश में ज्यादातर राज्यों में CAA के विरोध में प्रदर्शन हुए और इनसे जब CAA के बारे में पूछा गया तो उनको इसका न पूरा नाम पता और न काम फिर भी प्रदर्शन कर रहे। जाहिर सी बात है की लोगों को CAA के बारे में गलत जानकारी दी जा रही है और देश में लोगो को बांटने की कोशिश की जा रही है। बीजेपी का आरोप है की विपक्ष ऐसा कर रहा है। नागरिकता कानून के विरोध में TMC,कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित कई अन्य पार्टियां है। वहीँ शिव सेना न समर्थन में है न विरोध में।
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क्या है CAA
CAA Citizen Amendment Bill दोनों सदनों में पास होने के बाद Citizen Amendment Act यानि कानून बन गया और इसको पूरे देश में लागू किया जायेगा। इस कानून से पाकिस्तान, अफगानिस्तान ,बांग्लादेश से आये अल्पसंख्यक (हिन्दू,सिख,ईसाई,पारसी,बौद्ध,जैन) जो भारत में कई सालों से रह रहे है पर उनको नागरिकता नहीं मिली है। उन सभी को नागरिकता दी जाएगी। इसमें मुस्लिम को इसलिए शामिल नहीं किया गया है क्योंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान ,बांग्लादेश मुस्लिम देश है और इन देशो में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जाता न की मुस्लिम पर इसलिए हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी,बौद्ध,जैन भारत में शरण लेने आये। 31 अक्टूबर 2014 तक जो लोग इन मुस्लिम देशों से भारत आये है, उनको ही नागरिकता दी जाएगी न की इसके बाद आने वालों को। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और जवाहरलाल नेहरू ने भी ये बात कही थी की यदि अल्पसंख्यक भारत आते है तो उनको नागरिकता देना सरकार का कर्तव्य होगा।