इन बदलावों के साथ लागू होगा NPR

npr updates

देश में NRC ,CAA के विरोध में कई जगह पर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। इसी बीच सरकार ने NPR लाने की बात की जिससे सबको लगा की ये NRC और CAA की तरह ही है। जबकि ऐसा नहीं है। NPR National Population Register यानि देश के प्रत्येक “सामान्य निवासी” का एक व्यापक पहचान डेटाबेस तैयार करना है। सरकार किसी की भी हो, NPR का जब समय आता है तो उसे करना ही होता है और इसमें प्रत्येक नागरिक को सहयोग देना अनिवार्य है। साधारण भाषा में कहें तो ये एक सामान्य निवासियों की लिस्ट है।

इस साल 2020 में NPR को अप्रेल से शुरू किया जायेगा और सितम्बर तक पूरा किया जाना है। इसमें भारत के प्रत्येक नागरिक को अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इससे हर नागरिक का एक डेटाबेस सरकार के पास हो जायेगा। NPR को इससे पहले कांग्रेस की सरकार में 2010 में किया गया था। इसमें सामान्य निवासी उसे माना जायेगा जो 6 महीने या उससे अधिक महीनों से उस स्थान पर रह रहा हो या रहने का उसका इरादा हो। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल दिसंबर 2019 में एनपीआर को अपडेट करने के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा कर दी थी।

NPR में ये जानकारी आपको देनी होगी

➤ नाम
➤ जन्म तिथि
➤ जन्म स्थान
➤ व्यवसाय
➤ शैक्षणिक योग्यता
➤ माता का नाम
➤ पिता का नाम
➤ घर के मुखिया से सम्बन्ध
➤ विवाहित है तो पति का नाम
➤ वैवाहिक स्थिति
➤ राष्ट्रीयता
➤ स्थानीय निवास का पता
➤ सामान्य निवास का वर्तमान पता
➤ वर्तमान पते पर रहने की अवधि

गलत जानकारी दी तो लगेगा जुर्माना

आपसे पूछी गयी किसी भी जानकारी का आप जानबूझकर गलत जानकारी देते है तो आपके ऊपर 1000 रूपए का जुर्माना लगेगा। खबर के अनुसार NPR में आपसे कोई दस्तावेज नहीं मांगे जायेंगे। मगर है आपको आधार कार्ड आदि दिखाना पड़ सकता है। एनपीआर करने वाले अधिकारीयों ने बताया की जब इससे पहले जनगणना हुई थी तो लोगो ने आधार, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट आदि दिखाने में संकोच नहीं किया था।

NRC,NPR और CAA में अंतर गृहमंत्री ने किया स्पष्ट

विरोध क्यों

जैसा की हमने पहले बताया की CAA ,NRC का मुद्दा गरम था कई लोगों को लग रहा था की इसमें नागरिकता छीन ली जाएगी जिसकी वजह से लोग विरोध कर रहे थे। इस बीच NPR होने की बात सामने आयी तो इसको भी सबने CAA ,NRC का एक हिस्सा मान लिया और NPR का भी विरोध करने लगे। विपक्ष ने भी इसको बढ़ावा देते हुए कहा की NRC से बचने के लिए NPR का बहिष्कार करे। जिससे लोगों को गलतफैमी हो गयी की ये तीनो ही चीजे नागरिकता छीन लेंगी। बता दें जहाँ भी विपक्ष की सरकार है उन राज्यों में विपक्ष ने CAA ,NRC को लागू करने से मना कर दिया है। विपक्ष का विरोध इस लिए भी है की इसमें कुछ सवालों को अलग से जोड़ा गया है।

गृहमंत्री ने किया स्पष्ट

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा की NRC और NPR में कोई सम्बन्ध नहीं है। ये दोनों अलग अलग प्रक्रियाएँ है। जिनके नाम भी NPR में छूट जायेंगे उनको भी डरने की जरुरत नहीं है। क्योंकि ये NPR है न की NRC । इसलिए इससे किसी की नागरिकता निरस्त नहीं होगी।

जनगणना और NPR

जनगणना में स्वयं के बारे में बहुत सी जानकारी सरकार को देनी होती है और इसको किसी के साथ साझा नहीं किया जाता है। इसमें आम नागरिकों से विभिन्न जानकारियां मांगी जाती है जैसे घरेलु सुविधाएं,साक्षरता और शिक्षा व पता आदि। ये सेंसस एक्ट ऑफ 1948 के तहत किया जाता है।

वहीँ NPR में भारत में रहने वाले हर सामान्य नागरिक का एक रजिस्टर है। ये 1955 के सिटीजनशि‍प एक्ट (2003 का CAA) और 2003 नियम के अंतर्गत किया जायेगा। NPR में मुख्य रूप ने नागरिकों का रजिस्ट्रशन करके राष्ट्रिय पहचान पत्र देने की प्रक्रिया है। इसमें बायोमेट्रिक ब्यौरे भी होंगे। बता दें NPR असम में नहीं होगा।

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