बात फिर से वहीँ आती है जहाँ शुरू हुई थी की राजनीति में न तो कोई दोस्त होता है न कोई दुश्मन होता है अगर कोई है जो ये दोनों तय करता है तो वह है मौका और जरुरत और बाकी सब कुछ गोल घूम के आ जाता है सत्ता और कुर्सी के इर्द -गिर्द।
आपको बता दें 2 जून 1995 का दिन जिसे उत्तर प्रदेश की राजनीति में गेस्ट हाउस काण्ड के रूप में जाना जाता है जिसमे सपा के कई नेताओं के साथ-साथ मुलायम सिंह यादव पर भी मुकदमा दर्ज था। लेकिन अब मायावती ने मुलायम के खिलाफ केस वापसी का शपथ पत्र दे दिया है।
आपको बता दें की मायावती पर हमले के विरोध में मुलायम सिंह यादव, उनके छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव, सपा के वरिष्ठ नेता धनीराम वर्मा, मोहम्मद आजम खां, बेनी प्रसाद वर्मा समेत कई नेताओं के खिलाफ लखनऊ के हज़रतगंज कोतवाली में 3 मुक़दमे दर्ज हुए थे।
इनमे से मायावती ने आखिर गठबंधन टूटने के 6 महीने बाद समाजवादी पार्टी के प्रति नरमी दिखाते हुए मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के लिए शपथ पत्र दे दिया है। जिसकी पुष्टि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने की है।