नेशनल कांफ्रेंस के नेता व जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को 8 महीने बाद कल मंगलवार को रिहा कर दिया गया। दरअसल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ नेताओं को हिरासत में लिया गया था। व कुछ को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया था। रिहा होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जिन नेताओं को हिरासत में लिया गया था, अब उनको भी छोड़ देना चाहिए।
Today, I, realise that we are fighting a war of life and death. All our people who have been detained should be released at this time. We must follow govt orders to fight Coronavirus: National Conference leader Omar Abdullah https://t.co/YVU012dfJc pic.twitter.com/k8CQad1Mdz
— ANI (@ANI) March 24, 2020
बता दें इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह को रिहा किया गया था। उनके ऊपर भी उमर अब्दुल्ला की तरह पीएसए लगा हुआ था। पीएसए एक्ट के तहत किसी भी व्यक्ति को 2 साल तक के लिए गिरफ्तार या नजरबंद किया जा सकता है, वह भी बिना मुकदमा चलाये। 370 हटने के बाद घाटी के कई बड़े नेताओं पर इसे लगाकर नजरबंद किया गया था।
इन सभी नेताओं को इसलिए नजरबंद किया गया था। क्योंकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद डर था कि इनके भाषणों की वजह से जम्मू कश्मीर में शांति व्यवस्था बिगड़ सकती है। क्योंकि यह नेता नहीं चाहते थे कि 370 हटाई जाए और यह भड़काऊ भाषण देते रहते थे। सरकार का कहना था कि जैसे-जैसे हालात सामान्य होते जाएंगे वैसे वैसे नजरबंद किए गए लोगों को रिहा कर दिया जाएगा।
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जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को 5 अगस्त 2019 को हटाया गया था। जिसके बाद वहां पर रेल सेवा, मोबाइल सेवा आदि को बंद कर दिया गया था और कयी पार्टीयों के नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। इनमें कई पूर्व मुख्यमंत्री भी थे। जैसे उमर अब्दुल्ला, फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती। अब जब जम्मू कश्मीर के हालात सामान्य हो रहे हैं तो एक-एक करके सभी को रिहा किया जा रहा है।