CAA और NRC के खिलाफ हो रहे आंदोलन ने एक और सवाल खड़ा कर दिया है अब चर्चा इस बात की हो रही है की जिन लोगों का नाम NRC की लिस्ट में नहीं होगा उनको क्या डिटेंशन सेण्टर भेज दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात से इंकार किया है। दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है। मीडिया रिपोर्टों की बात करें तो इस बात के सबूत दिए जा रहे हैं की असम में जिन लोगों का नाम NRC में नहीं था उनको डिटेंशन सेण्टर भेजा जा रहा है।
क्या होता है डिटेंशन सेण्टर
डिटेंशन सेण्टर जेल जैसी ही एक जगह होती है, जहाँ पर राज्य के अधिकार के तहत विभिन्न प्रकार की स्वतंत्रता से वंचित लोगों को रखा जाता है। मतलब यह एक ऐसी जगह होती है जहां पर लोगों की आवाजाही पर प्रतिबन्ध होता है। यहां पर रहने वाले लोगों को दूसरे लोगों से मिलने-जुलने की अनुमति नहीं होती। कई कामों को करने की अनुमति नहीं होती है। ऐसी जगहों को डिटेंशन सेंटर कहा जाता है।
क्यों हो रही है डिटेंशन सेण्टर की चर्चा
हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में एक बिल पेश किया था जिसको नागरिकता संशोधन बिल कहा गया । इस नागरिकता संशोधन बिल में पकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आये हिन्दू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन, पारसी शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की बात कही गयी थी। CAB लोक सभा और राज्य सभा में बहुमत से पास होने और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद ये क़ानून बन गया। जिसे अब CAA के नाम से सब जानते है।
#WATCH PM Narendra Modi, in Delhi: Congress and its friends, some urban naxals are spreading rumours that all Muslims will be sent to detention centres…Respect your education, read what is Citizenship Amendment Act and NRC. You are educated. pic.twitter.com/30kQc7pdhO
— ANI (@ANI) December 22, 2019
कुछ लोगों ने इस नागरिकता संशोधन कानून को संविधान के खिलाफ माना और CAA के विरोध में सड़कों पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे। भारत के विभिन्न राज्यों सहित कई यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने इस क़ानून का विरोध किया। CAA-NRC के खिलाफ गुरुवार यानी 19 दिसम्बर को देश के काफ़ी बड़े हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। किसी जगह राजनीतिक दल के नेतृत्व में तो किसी जगह राजनीतिक दल के बिना कई यूनिवर्सिटी के छात्र और आम लोग इसमें शामिल हुए। कई जगहों पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी की घटनाएं भी हुईं।
रामलीला मैदान में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की तरफ से इस बात का खंडन किया। उन्होंने आरोप लगाया की यह कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेन्शन सेन्टर वाली अफ़वाहें सरासर झूठ है, बद-इरादे वाली है, देश को तबाह करने के नापाक इरादों से भरी पड़ी है। इसलिए इन अफवाहों पर दें।