इस समय देश के अलग अलग राज्य में फंसे लोगों को उनके राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है। लेकिन कई मजदूर अभी भी पैदल यात्रा करने पर मजबूर हैं। इसी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 16 मई को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए 1000 बसों की अनुमति मांगी थी।
हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं।
परमीशन दीजिए @myogiadityanath जी, हमें अपने भाइयों और बहनों की मदद करने दीजिए pic.twitter.com/kNyxdKyxZA
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020
इसके बाद प्रियंका गांधी ने बसों का एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा कि “हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी है। हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन पैदल चल रहे हैं। मुख्यमंत्री जी हमें परमिशन दीजिए। हमें अपने भाइयों और बहनों की मदद करने दीजिए।” इसके बाद अनुमति में देरी होने से प्रियंका गांधी कहा की आदरणीय मुख्यमंत्री जी यह राजनीति का समय नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं दुनियाभर की मुसीबतें उठाते हुए श्रमिक प्रवासी भाई-बहन बिना खाए पिए पैदल यात्रा कर रहे हैं। हमें उनकी मदद करने दीजिए।
यूपी सरकार ने बसों को दी अनुमति
Awanish Awasthi, Uttar Pradesh Additional Chief Secretary (Home) writes to Congress leader Priyanka Gandhi Vadra accepting her proposal to deploy 1000 buses for migrants. Seeks details of 1000 buses & drivers without delay. pic.twitter.com/6PrtlMQtYb
— ANI UP (@ANINewsUP) May 18, 2020
इसके बाद कल सोमवार को उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि प्रवासी मजदूरों के संबंध में आपके प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है। अतः बिना देरी के 1000 बसों की सूची, चालक-परिचालक का नाम व अन्य विवरण उपलब्ध कराने का कष्ट करें। इसके बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सीएम योगी को धन्यवाद कहा और कल ही 1000 बसों की सूची यूपी सरकार को सौंपी गई।
प्रियंका गांधी ने अपर मुख्य सचिव को लिखा पत्र
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बसों को अनुमति मिलने के बाद अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को पत्र लिखते हुए कहा कि हमें देर रात 11:30 बजे ईमेल के माध्यम से आपका पत्र मिला। जिसमें हमें लखनऊ में सुबह 10:00 बजे तक आवश्यक दस्तावेजों के साथ 1000 बसें सौंपने को कहा गया है। प्रवासी मजदूर यूपी बॉर्डर खासकर दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर फंसे हुए हैं और अधिकांश पैदल यात्रा कर रहे हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए यूपी की सीमा पर एकत्र हुए हैं। ऐसे में 1000 खाली बसों को लखनऊ भेजना ना केवल समय और संसाधनों की बर्बादी है बल्कि अमानवीय भी है। सरकार की यह मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित करती है।
बसों की लिस्ट में फर्जीवाड़ा
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की तरफ से यूपी सरकार को जो 1000 बसों की सूची सौंपी गई है। इस सूची को जब यूपी सरकार ने क्रॉस चेक किया तब पता चला कि उसमें मोटरसाइकिल, एंबुलेंस, कार, टैक्सी और स्कूटर के नंबर है। इसके बाद यूपी सरकार ने बसों की सूची में फर्जीवाड़े से कांग्रेस को अवगत कराया और सही सूची देने को कहा है।