CAA : राष्ट्रपिता और नेहरू के वादे को कांग्रेस ने आज तोड़ा

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गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि एनआरसी (NRC) और कैब (CAB) को सबसे पहले कांग्रेस ही लेकर आए थे और आज इसका विरोध कर रहे हैं। गृह मंत्री ने बताया कि 1947 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि हमसे राजनीतिक सीमाओं के कारण जो भाई-बहन दूर हो गए हैैं और स्वतंत्र समारोह में शामिल नहीं हो सके, उनकी हमें चिंता है। चाहे कुछ भी हो जाए वह हमारे हैं और हमेशा हमारे रहेंगे। उनके सुख-दुख में हम शामिल रहेंगे और जब वह लोग यहां (भारत) आना चाहेंगे हम उन्हें स्वीकार करेंगे।

भारत के पहले राष्ट्रपति ने भी नागरिकता देने को कहा था

इसके बाद गृहमंत्री ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद (rajendra Prasad) के वादे को याद दिलाते हुए कहा कि राजेंद्र प्रसाद ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में कहा था की हम उन विस्थापित व्यक्तियों को दोबारा से नागरिकता देने के लिए तत्पर्य है, जो कठिनाइयां और असुविधा झेल रहे हैं। वह कभी भी यहां (भारत) आए उनका स्वागत है।

नागरिकता देने के लिए कांग्रेस पार्टी लायी थी प्रस्ताव

गृह मंत्री अमित शाह ने इसके बाद कांग्रेस पार्टी के प्रस्ताव के बारे में बताया जो 25 नवंबर 1947 को लाया गया था। (कांग्रेस कार्यकारिणी का निम्नलिखित संगीकार) कांग्रेस पाकिस्तान के उन सभी गैर मुस्लिम को पूर्ण सुरक्षा देने के लिए बाध्य है, जो उनके जीवन और सम्मान की रक्षा करने के लिए, जो सीमा पार करके भारत आए हैं या भारत आने वाले हैं।

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महात्मा गांधी – नागरिकता देना भारत सरकार का कर्तव्य

गृहमंत्री यहीं नहीं रुके इसके बाद (Mahatma Gandhi) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बात के बारे में बताते हुए कहा कि 7 जुलाई 1947 को महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान में रह रहे हिंदू और सिख यदि वह वहां नहीं रहना चाहते हैं तो वह निस्संदेह भारत आ सकते हैं। इस मामले में उनको नागरिकता देना, रोजगार और सम्मान पूर्वक सुखजीवन देना भारत सरकार का कर्तव्य है।

पूर्व पीएम – भारत सरकार का दायित्व नागरिकता देना

मनमोहन सिंह (manmohan Singh) जो प्रधानमंत्री रह चुके हैं और इस समय सीएएए का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने 18 दिसंबर 2003 को कहा था कि अल्पसंख्यकों को बांग्लादेश जैसे देशों में उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है और अगर हालात इन लोगों को मजबूर करते हैं तो हमारा नैतिक दायित्व इन अभागे लोगों को नागरिकता प्रदान करना है इसमें सरकार को सोचना चाहिए।

अशोक गहलोट (कांग्रेस) का पी चिदंबरम को पत्र

अशोक गहलोट ने तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 2009 में पत्र लिखते हुए कहा था कि मैं आपका ध्यान पाकिस्तान से आए विस्थापित हिंदू और सिख समुदाय की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं। यह विस्थापित निरक्षर है। sc-st पिछड़े समाज से आते हैं, अत्यंत गरीबी में जी रहे हैं और भारत की नागरिकता की मांग कर रहे हैं। उनको तत्काल नागरिकता देने के लिए योजना बनाई जाए।

राष्ट्रपिता और PM जवाहरलाल नेहरू ने वादा किया था

गृह मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस अपने वादे से मुकर गई। धार्मिक प्रताड़ना मिलने के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से भारत आए हैं और भारत (राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू) ने यह वादा किया था कि जो अल्पसंख्यक है, यदि वो भारत आना चाहेंगे तो उनको भारत सरकार स्वीकार करेगी और नागरिकता देगी। तो हम उस वादे को ही पूरा कर रहे हैं। फिर क्यों कांग्रेस इस नियम का विरोध कर रही है।

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कांग्रेस घोषणा करें कि विदेशी मुस्लिम को नागरिकता देगी

गृह मंत्री ने कहा कि एनआरसी की शुरुआत कांग्रेस ने की थी मैं यह कहना चाहता हूं कि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और गुलाम नबी आजाद यह घोषणा कर दे की पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए सभी मुस्लिमों को नागरिकता देंगे। बताते हैं कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी झारखंड में एक रैली के दौरान कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर हिम्मत है तो घोषणा करें कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 को वापस ले आएंगे और ट्रिपल तलाक कानून को रद्द कर देंगे।

धारा 370 को जवाहरलाल नेहरू ने खत्म करने को कहा था

धारा 370 अमित शाह ने बात करते हुए कहा कि इसको टेंपरेरी क्यों रखा गया। परमानेंट क्यों नहीं किया गया। यदि परमानेंट किया गया होता, तो इसको हटाने की बात ही नहीं होती। धारा 370 को हटाने का रास्ता 370, 3 में डाला गया संसद में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि यह (धारा 370) धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी तो हमने इसे खत्म कर डाला।

अयोध्या के लिए एक्ट कांग्रेस सरकार लेकर आई

अयोध्या विवाद पर बात करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1994 में कांग्रेस पार्टी एक्ट लेकर आई थी कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला जिसके भी पक्ष में होगा, हिंदू के पक्ष में होगा तो वह भी हिंदू को दी जाएगी और यदि मुस्लिमों के पक्ष में आएगा तो भूमि मुस्लिमों को दी जाएगी। हमने कोर्ट के फैसले का इंतजार किया। 5 जजों की बेंच बनी, जिसमें एक मुस्लिम सज्जन भी न्यायमूर्ति थे। इन सभी जजों ने निर्णय लेकर भूमि हिंदुओं को दे दी। कांग्रेस के एक्ट का हम पालन कर रहे हैं। तो भी मैं कम्युनल हो गया। अगर ऐसा था तो एक्ट क्यों बनाया।

एनएससी को कांग्रेस ने बनाया

गृह मंत्री अमित शाह ने कहां कि मैं प्रश्न पूछना चाहता हूं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और गुलाम नबी आजाद से 1985 में जब असम समझौता होआ तो पहली बार एनआरसी को स्वीकार किया गया। उसके बाद 1955 के सिटीजन एक्ट में क्लौज 14 A जोड़ा गया 3 दिसंबर 2004 को उस वक्त यूपीए की सरकार थी। उसके बाद 9 नवंबर 2009 को रूल 4 को जोड़ा गया। जो देशभर में एनआरसी बनाने की ताकत देता है। तब भी कांग्रेस की सरकार थी। यह कांग्रेस ने ही बनाया था और वह आज बीजेपी से सवाल कर रहे हैं। क्या इस कानून को कांग्रेस ने शोकेस में रखने के लिए बनाया था। अगर यह जरूरी नहीं था, तो क्यों बनाया गया।

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