भारत चीन प्रतिनिधियों की 22 वीं बैठक में इन मुद्दों पर हुई बात

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आज रविवार को दिल्ली में भारत चीन प्रतिनिधियों की 22 वीं बैठक का आयोजन हुआ। चीन की ओर से चीनी राज्य काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी शामिल हुए। वांग यी ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की। मुलाकात के बाद एम वेंकैया नायडू ने कहा की भारत एक अच्छी पड़ोसी नीति का पालन करता है, और क्षेत्रीय और विश्व शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए चीन के साथ काम करने को तैयार है। बता दें की भारत चीन के बीच में अक्सर सीमा को लेकर मन-मुटाओ रहता है क्योंकि कई जगह पर दोनों देशों की सीमायें तय नहीं है। जिसकी वजह से भारत के सैनिक कभी चीन में और चीन के सैनिक कभी भारत में प्रवेश कर जाते है और कई बार दोनों देशों के सैनिको में झड़प भी हो जाती है।

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, ‘दोनों पक्षों की 70 स्मारक घटनाओं पर सहमति है। अगला कदम राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ को पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग और लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान को गहरा करने के अवसर के रूप में लेना है। आगे वांग यी ने कहा की ये सिर्फ बैठक नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच सीमा के बारे में चर्चा करना और दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक संचार के लिए एक महत्वपूर्ण मंच भी है। उभरते बाजार के देशों के मुख्य प्रतिनिधियों के रूप में, चीन और भारत दोनों प्रमुख ऐतिहासिक चरण में हैं। कायाकल्प और विकास, इसलिए आम रणनीतिक हितों की एक विस्तृत श्रृंखला साझा करते हैं। भारत-चीन सीमा प्रश्न के निपटान के लिए राजनीतिक मापदंडों और मार्गदर्शक सिद्धांतों पर सहमति के अनुरूप दोनों पक्ष सक्रिय रूप से सीमा वार्ता को आगे बढ़ाएंगे और दोनों के लिए उचित, उचित और स्वीकार्य समाधान के लिए प्रयास करेंगे।

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कहा की भारत और चीन के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विकास और सीमा संबंधी प्रश्न के निपटारे के लिए एक नई दृष्टि और रणनीतिक मार्गदर्शन की पेशकश की है। आगे अजीत डोभाल ने कहा की दोनों पक्षों को हमारे 2 नेताओं द्वारा पहुंची महत्वपूर्ण आम सहमति को लागू करना चाहिए, रणनीतिक संचार को मजबूत करना चाहिए, और बातचीत और परामर्श के माध्यम से सीमा प्रश्न को हल करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि द्विपक्षीय संबंधों के अधिक से अधिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

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