अडानी को सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन का ठेका मिल गया है और ये ठेका देने का आरोप पीएम मोदी पर लगा है। पीएम मोदी ने 2024 तक 50 प्रतिशत शहरी घरों में पाइप लाइन को पहुंचाने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन परियोजना की शुरुआत की है और इस परिजना का ठेका सरकारी कंपनियों को न मिलकर गुजरात के उद्योगपतियों को दिया जा रहा है।
पीएम मोदी ने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन परियोजना की शुरुआत 22 नवम्बर 2018 को की थी और इसके एक दिन पहले खबर आती है की अडानी गैस को इस परियोजना का ठेका मिला है। जिसके अंतर्गत अडानी गैस को गुजरात,राजस्थान ,ओडिशा, तमिलनाडु, कर्नाटक और हरियाणा के शहरों में गैस पाइप लाइन का विस्तार करना है। इसी प्रोजेक्ट को लेकर PNGRB ने अडानी गैस को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
Petroleum and Natural Gas Regulatory Board (PNGRB) का कहना है की अडानी गैस ने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन परियोजना की बिडिंग में कई अहम् जानकारियां नहीं दी है। इसमें अडानी की नेटवर्थ का इस्तमाल किया गया पर अडानी के साथ करार का खुलासा नहीं किया गया है। आगे PNGRB ने कहा की ये CGD नियमों के खिलाफ है। यदि अडानी पर लगा आरोप साबित हो जाता है तो अडानी गैस का लाइसेंस रद्द हो सकता है और भारी जुर्माना भी PNGRB लगा सकती है।
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अडानी को फायदा पहुंचाने की कोशिश
अडानी गैस को सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन का ठेका मिलने से काफी फायदा हुआ है। सिर्फ 4 दिंनो में अडानी गैस की मार्केट वैल्यू 3 हजार करोड़ रूपए बढ़ी और ये भारत की टॉप 200 वैल्युएबल कंपनियों में शामिल हो गयी। इसके साथ ही कुछ दिनों बाद फ़्रांस की एक बड़ी कम्पनी ‘टोटल’ ने अडानी गैस की 37.4% शेयर खरीदने की घोषणा कर देती है। इससे पता चलता है कि ये एक बड़ा गेम है। शक तब होता है, जब इसी परियोजना में बिड लगाने वाली हिंदुस्तान पेट्रोलियम को सिटी गैस का ठेका नहीं मिलता। जबकि ये खुद एक सरकारी कम्पनी है और अडानी गैस को मिल जाता है,वो भी सभी जानकारियां दिए बिना।
Note :- बता दें इस लेख को गिरीश मालवीय के फेसबुक वाल से साभार लिया गया है।