उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में न्यू इण्डिया महासभा के तत्वाधान में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमे राष्ट्रीय अध्यक्ष अहमद महबूब शेख ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित किया। उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर हुई हिंसा का ज़िम्मेदार सरकार को ठहराया है।
अहमद महबूब शेख ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि लख़नऊ के परिवर्तन चैक में 19 तारीख को विरोध प्रदर्शन में बिना किसी के नेतृत्व के जो भीड़ इकठ्ठा हुई उसमे कुछ अराजक लोगों ने शांतिपूर्वक धरने को हिंसा एवं बवाल में बदल डाला। इसमें जो भी हिंसा हुई उसको किसी भी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता है और हम इसकी घोर निंदा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सवाल उठता है कि आखिर धारा 144 लागू होने के बावजूद लाखों लोग सड़क पर कैसे उतर पड़े। इन लोगों का इस प्रकार एकत्र होना पुलिस की नाकामयाबी को दिखाता है या इन लोगों को इकठ्ठा होने देना कोई रणनीति हो सकती है।
महबूब शेख ने की लखनऊ हिंसा की निंदा लगाया सरकार पे ये आरोप#CAA pic.twitter.com/JX3BCgzSYd
— AwazeUttarPradesh (@AwazeUp) December 27, 2019
महबूब शेख ने कहा कि भीड़ में मौजूद कुछ अराजक लोगों द्वारा हिंसा फैला दी गई जिसपर पुलिस ने क़ानून और मानवाधिकार की धज्जियां उड़ा डाली। पुलिस ने बदले की भावना से प्रदर्शनकारियों को जिस तरह बेतहाशा आंसू गैस छोड़कर उन्हें अन्धा करके उन पर अन्धाधुन्ध लाठीचार्ज किया और उनके हाथ पैर तोड़ने का काम किया जिसमें महिलाओं तथा बुजुर्गाें तक को भी नहीं बख्शा गया। पुलिस ने गोलिया चलाकर ना जाने कितने लोगों को घायल कर दिया और उत्तर प्रदेश में पुलिस की गोली से कई को मौत के घाट उतार दिया गया। इन सब के बावजूद पुलिस का गुस्सा कम नहीं हुआ और हज़ारों प्रदर्शनकारियों पर राष्ट्रद्रोह जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करना शुरू कर दिया।
न्यू इण्डिया महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अहमद महबूब शेख ने आगे कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पकड़ने के लिए रात के समय घरों में घुस कर महिलाओं व बुजुर्गाें के साथ जो गाली-गलौज तथा अमानवीय कृत्य किया और घर के सामान को तोड़-फोड़ कर मारपीट का जो तांडव मचाया है उसमे बर्बता की सारी हदों को पार कर दिया गया है। पुलिस तैनाती के समय संविधान की शपथ लेकर समाज की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेती है लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि पुलिस अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए समाज सेवी संगठनों को इस हिंसा का जिम्मेदार ठहरा रही है और उन लोगों के लिए मास्टरमाइंड जैसे सनसनीखेज शब्दों का इस्तेमाल कर के अपनी असलता को छुपाने का प्रयास कर रही है।
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अहमद महबूब शेख ने प्रेस वार्ता में कहा कि पुलिस द्वारा निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर के गुड वर्किंग दिखाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस के इस दमनकारी बबर्रतापूर्वक रवैये के खिलाफ एक जनहित याचिका हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाएगी जिसमे हमारा संगठन कई अन्य संगठनों के साथ मिलकर यह काम करेगा। पुलिस द्वारा बेगुनाहों को फंसाने तथा घरों में घुसकर किये गये तांडव की विडिओज और तमाम सुबूत हैं जो कोर्ट में पेश किये जायेँगे।
महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस से निवेदन किया कि अपनी कार्य शैली से लोगों में भरोसा जाग्रत करें न कि आक्रोश से। प्रेस वार्ता के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष अहमद शेख के अलावा राष्ट्रीय विधिक सलाहकार व प्रवक्ता एडवोकेट केके शुक्ला, राष्ट्रीय सचिव अमित यादव, प्रदेश अध्यक्ष अल्केश गुप्ता, प्रदेश प्रभारी जोगिन्दर सिंह, महानगर अध्यक्ष रवि प्रकाश भारती, महानगर विधिक सलाहकार श्रीमती मधुलिका वर्मा, महानगर युवा अध्यक्ष प. आदित्य पुरोहित तथा अन्य मुख्य अतिथिगढ़ उपस्थित रहे और प्रेस वार्ता के दौरान लोगों को सम्बोधित किया।