National Register of Citizenship: राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर क्या है, जाने इसकी महत्वपूर्ण बातें

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राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) एक ऐसा रजिस्टर है जिसमे मूल रूप से भारतीय नागरिकों के नाम दर्ज हैं, लेकिन राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) अभी तक केवल भारत के असम राज्य के लिए ही बना है मतलब यह है की राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) केवल असम में ही लागू है। इसको पूरे भारत में लागू करने की बात चल रही है। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) का मुख्य उद्देश्य असम में रहने वाले मूल भारतीय नागरिकों की सूची तैयार करना है, जिससे की पड़ोसी देश बांग्लादेश से आने वाले बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की जा सके।

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राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) की महत्वपूर्ण बातें

  • राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) को 1951 में पहली बार तैयार किया गया था, इसमें सिर्फ असम के लोगों को ही शामिल किया जाता है।
  • राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) को 2013 से सुप्रीम कोर्ट के कहने पर समय-समय पर अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसका मुख्य उद्देश्य 1971 के बाद भारत आने वाले बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करना है।
  • राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) में केवल उन्हीं नागरिकों को शामिल किया गया है जो 24 मार्च 1971 की मध्यरात्रि या उससे पहले असम के नागरिक थे या उनके पूर्वज असम में रहते थे। क्योंकि 1971 में बांग्लादेश के आजादी की लड़ाई में बहुत सारे बांग्लादेशी नागरिक असम आ गए थे।
  • राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) को अपडेट करने के लिए ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने 1975 में 6 साल तक आंदोलन चलाया था लेकिन तब इस पर कोई कड़ी कार्यवाई नहीं की गई थी।
  • 2013 में सुप्रीम कोर्ट के कहने पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) को अपडेट किया गया तो असम की जनसंख्या 3.3 करोड़ थी।
  • 31 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) की अंतिम सूची अपडेट की गई थी जिसमे 19 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किये गए इसके बावजूद भी 3.11 करोड़ लोगों को भारतीय नागरिकता मिली।

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