उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आज मोनी अमावस्या के शुभ अवसर पर संगम तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा और रात से ही यहाँ पर श्रद्धालुओं का स्नान करना शुरू हो गया। इकठ्ठा हुई भीड़ संगम तट की तरफ लगातार बढ़ती ही रही और श्रद्धालुओं संगम में डुबकी लगाते रहे। प्रशासन का अनुमान है कि सुबह 8:00 बजे तक लगभग 40 लाख लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगायी है। प्रशासन ने यह भी अनुमान लगाया है कि देर शाम तक होने वाले स्नान के मद्देनजर करीब एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे।
प्रयागराज संगम तट पर लगातार बढ़ती भीड़ की वजह से मेला प्रशासन और पुलिस ने घाटों पर जवानों को तैनात कर दिया है और आने वाले श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द घाट छोड़ने की सलाह दी जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि आगे और आने वाले श्रद्धालुओं के नहाने के लिए घाट खाली हो सके। जानकारी के लिए बता दें कि आज रात को 2:00 बजे के लगभग मोनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त शुरू हो गया था। जिसकी वजह से दो दिन पहले से ही संगम में पहुँचने लगे थे और रात से ही डुबकी लगाना शुरू कर दिया था।
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प्रयागराज में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए संपूर्ण मेला क्षेत्र के 8 किलोमीटर के दायरे के भीतर 20 स्नान घाट बनाए गए हैं और इन सभी स्नान घाटों पर रात में भी स्नान करने की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इस पवन पर्व के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस, पीएससी, आरएफ कमांडो दस्ते, जल पुलिस को तैनात किया गया है और सभी स्नान घाटों पर डीप लाइन वाटर बनाया गया है। यह डीप लाइन वाटर गहरे पानी वाले स्थान पर बनाया गया है जिससे स्नान करने वाले श्रद्धालु गहरे पानी में न चले जाएं। दरअसल हिन्दू धर्म में यह माना जाता है कि इस मोनी अमावस्या के पवित्र मौके पर मौन होकर पवित्र नदियों में स्नान करने से धर्म-कर्म अर्थ व मोक्ष के मार्ग की प्राप्ति होती है।