आज शनिवार को रेल मंत्रालय की तरफ से बोर्ड अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत करते हुए स्पेशल ट्रेन को लेकर कहा कि प्रतिदिन 200 से अधिक स्पेशल ट्रेनों को चलाया जा रहा है। अभी तक 2600 से अधिक ट्रेनें चल चुकी हैं और लगभग 35 लाख लोगों को उनके घर तक पहुंचाया गया है।
प्रवासियों के लिए चलाई गई स्पेशल ट्रेनों में से 80% यूपी और बिहार गई है। अगले 10 दिनों में 2600 ट्रेनों से 36 लाख यात्रियों को यात्रा करवाने की तैयारी की जा रही है। रेलवे 1 जून से 200 मेल एक्सप्रेस ट्रेन चलाएगा। स्टेशनों पर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। अभी 1000 टिकट काउंटर खोले गए हैं, इनकी संख्या आगे और बढ़ाई जाएगी।
5000 डिब्बों को बदला गया कोविड-19 अस्पतालों में
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने आगे बताया कि कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए 5000 डिब्बों को कोविड-19 केंद्रों में बदला गया था, इनमें 80000 बिस्तरों की व्यवस्था थी। अभी कुछ का उपयोग नहीं हो रहा था और आवश्यकता को देखते हुए 50% को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए उपयोग किया गया है। जरूरत पड़ने पर इन्हें पुनः कोविड-19 के लिए उपयोग किया जा सकेगा।
“राज्य सरकारों से श्रमिकों की सहायता के लिए कहा गया है। यदि राज्य में आवश्यकता होती है तो रेलवे राज्यों के अंदर भी ट्रेनें चलाने को तैयार है। उत्तर प्रदेश और बिहार में ज्यादा ट्रेनें जा रही है। वहीं पश्चिम बंगाल सरकार जब तैयार होगी तब वहां पर स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी।” बता दें पश्चिम बंगाल सरकार ने आज रेलवे को पत्र लिखकर 25 मई तक स्पेशल ट्रेनों को ना भेजने को कहा है। क्योंकि अभी अम्फान तूफान की वजह से प्रभावित इलाकों में राहत कार्य किया जा रहा है।