MP Political Crisis: फ्लोर टेस्ट की याचिका पर कोर्ट में हुई सुनवाई,कांग्रेस ने माँगा समय

Madhya Pradesh politics crisis
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आज सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट कराने वाली बीजेपी की याचिका पर फिर सुनवाई हुई। अभिषेक मनु सिंघवी जोकि स्पीकर के वकील है,उन्होंने कहा की स्पीकर के फैसले पर कोई दखल नहीं दे सकता ये स्पीकर का अधिकार है की किस विधायक का स्तीफा स्वीकार करना है या नहीं। कांग्रेस के वकील सिंघवी नव कहा की कृपया हमे फैसला करने के लिए दो सप्ताह का समय दें। बागी विधायकों को एमपी, उनके घरों में वापस आने दें।”

कांग्रेस अभी फ्लोर टेस्ट कराने से बच रही है क्योंकि उसके पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है और ये बात बीजेपी अच्छे से जानती है। इस लिए बीजेपी जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट करना चाहती है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कर्नाटक का उदाहरण दिया,जिसपर कोर्ट ने कहा की स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में कोई दखल नहीं दे सकता। कर्नाटक में अगले दिन फ्लोर टेस्ट हुआ था। स्पीकर ने विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं लिया है पर इसका मतलब ये नहीं की फ्लोर टेस्ट को टाला जाता रहे। स्पीकर यदि राज्यपाल की सलाह न मने तो राजयपाल अपनी रिपोर्ट केंद्र को दे सकते है।

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राज्यपाल की चिठ्ठी पर सवाल

अभिषेक मनु सिंघवी ने राजयपाल द्वारा कमलनाथ को लिखी चिठ्ठी की भाषा पर सवाल किया की राज्यपाल ने लिखा है कि 22 विधायकों ने इस्तीफा भेजा है, मुझे भी चिट्ठी मिली,मैंने भी मीडिया में देखा, सरकार बहुमत खो चुकी है।’ राज्यपाल ने खुद ही तय कर लिया की सरकार बहुमत खो चुकी है? इस सवाल पर कोर्ट ने पूछा की अगर सरकार के पास संख्या नहीं है तो राज्यपाल के पास अधिकार है की वो फ्लोर टेस्ट सके? इस पर सिंघवी ने कहा की वो नहीं करा सकते,
राजयपाल सदन बुला सकते है। कोर्ट ने कहा की एक पर्यवेक्षक नियक्त करके 16 MLA का स्तीफा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लिया जा सकता है। इस पर सिंघवी ने कहा की ऐसे स्तीफा नहीं ले सकते। वहीँ बीजेपी अब बिना देरी के जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट करना चाहती है।

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