सुन्नी वक्फ बोर्ड और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड SC के फैसले से नाखुश

sunni waqf board
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सुप्रीम कोर्ट ने आज 9 नवम्बर शनिवार को देश के सबसे बड़े केस का फैसला सुना दिया है। ये फैसला श्री राम के पक्ष में आया है। कोर्ट ने 3 महीने के अंदर केंद्र सरकार को मंदिर बनाने के लिए रूप रेखा तैयार करने को कहा है और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सभी ने स्वागत किया है पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड इस फैसले से न खुश दिखे।

सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जीलानी ने कहा की हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते है पर हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं है इस लिए हम इस फैसले को चुनौती देंगे। बाद में जीलानी ने स्पष्ट किया की उन्होंने ये बात ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव के तौर पर कही थी। इसके साथ ही जीलानी ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की और किसी प्रकार का प्रदर्शन न करने को कहा है। बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी ने कहा की बोर्ड कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देगा।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

कमाल फारुकी ने कहा की हमको दान में क्या दे रहे है? 67 एकड़ जमीन लेने के बाद 5 एकड़ जमीन हमे दी जा रही है। यह कहाँ का न्याय है। इसके बदले हमे 100 एकड़ भी दी जाये तो कोई फायदा नहीं। आगे कमाल फारुकी ने कहा की सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम अध्ययन करेंगे फिर इस पर बयान देंगे।

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