सुप्रीम कोर्ट ने आज 9 नवम्बर शनिवार को देश के सबसे बड़े केस का फैसला सुना दिया है। ये फैसला श्री राम के पक्ष में आया है। कोर्ट ने 3 महीने के अंदर केंद्र सरकार को मंदिर बनाने के लिए रूप रेखा तैयार करने को कहा है और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सभी ने स्वागत किया है पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड इस फैसले से न खुश दिखे।
Zafar Farooqui, Chairman of Uttar Pradesh Sunni Central Waqf Board: We welcome and humbly accept the verdict of the Supreme Court. I want to make it clear that UP Sunni Waqf Board will not go for any review of the SC order or file any curative petition. pic.twitter.com/k5iUcuX08n
— ANI UP (@ANINewsUP) November 9, 2019
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जीलानी ने कहा की हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते है पर हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं है इस लिए हम इस फैसले को चुनौती देंगे। बाद में जीलानी ने स्पष्ट किया की उन्होंने ये बात ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव के तौर पर कही थी। इसके साथ ही जीलानी ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की और किसी प्रकार का प्रदर्शन न करने को कहा है। बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी ने कहा की बोर्ड कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
Kamaal Faruqi,All India Muslim Personal Law Board:Iske badle hume 100 acre zameen bhi de to koi fayda nahi hai.Hamari 67 acre zameen already acquire ki huyi hai to humko daan mein kya de rahe hain vo?Humari 67 acre zameen lene ke baad 5 acre de rahe hain. Ye kahan ka insaaf hai? pic.twitter.com/Pdgyhmhv7Z
— ANI (@ANI) November 9, 2019
कमाल फारुकी ने कहा की हमको दान में क्या दे रहे है? 67 एकड़ जमीन लेने के बाद 5 एकड़ जमीन हमे दी जा रही है। यह कहाँ का न्याय है। इसके बदले हमे 100 एकड़ भी दी जाये तो कोई फायदा नहीं। आगे कमाल फारुकी ने कहा की सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम अध्ययन करेंगे फिर इस पर बयान देंगे।