चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का पता चल गया है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने विक्रम लैंडर को खोज निकाला है। नासा ने इस बात की जानकारी रात में करीब 1:30 बजे दी। बता दें की इसरो ने (chandryan-2) चंद्रयान-2 को इसी साल 7 सितम्बर को लांच किया था। ऑर्बिटर तो चन्द्रमा की कक्षा में सफलता पूर्वक स्थापित हो गया था पर विक्रम लैंडर जब चाँद की सतह पर उतरने वाला था तो चाँद की सतह से करीब 2 किलोमीटर की उचाई पर किसी तकनीकी खराबी की वजह से इसरो का विक्रम से संपर्क टूट गया और विक्रम लैंडर की चाँद की सतह पर हार्ड लैन्डिन हो गयी थी। जिसकी वजह से विक्रम टूट गया होगा और अब उसके मलबे को नासा ने खोज लिया है।
NASA finds Vikram Lander, releases images of impact site on Moon surface
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— ANI Digital (@ani_digital) December 3, 2019
नासा ने ट्वीट कर बताया की उसके (LRO) लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर ने चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को चाँद की सतह पर खोज निकाला है। विक्रम का मलबा उसके क्रैश होने की जगह से 750 मीटर की दूरी पर मिला है। नासा ने LRO द्वारा ली गयी एक तस्वीर भी जारी की है। जिसमे नीले और हरे बिंदुओं के माध्यम से विक्रम लैंडर के मलबे को दिखाया गया है। विक्रम के 3 बड़े टुकड़े 2×2 पिक्सल के मिले है।
Chandrayaan-2: लैंडर विक्रम की लोकेशन ढूंढने में नासा फिर हुआ असफल
कैसे 3 महीने बाद लैंडर को खोजा
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने जानकारी दी की 26 सितम्बर को क्रैश साइट की एक तस्वीर जारी की गयी थी और कुछ लोगों को विक्रम के मलबे की खोज करने के लिए बुलाया था। उनमे से एक व्यक्ति जिसका नाम शनमुगा सुब्रमण्यन है उसने विक्रम लैंडर के मलबे की पहचान की और LRO प्रोजेक्ट से संपर्क किया। भारतीय मूल के शनमुगा सुब्रमण्यन ने विक्रम की क्रैश साइट के उत्तर पश्चिम में मलबे की पहचान की। नासा ने बताया की LRO ने अक्टूबर में विक्रम के लैंडिंग साइट की तस्वीर ली थी। लेकिन अँधेरा होने की वजह से हो सकता है तब विक्रम लैंडर न दिखा हो पर अब उसी जगह विक्रम लैंडर के मलबे की पहचान कर ली गयी है।