Abhijit Banerjee: कौन हैं अभिजीत बनर्जी, जिन्हे मिला 2019 का Nobel Prize

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भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को 15 अक्टूबर 2019 का ही Nobel Prize देने की घोषणा रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने किया था। लेकिन यह वर्तमान में ट्विटर पर बहुत तेजी से ट्रेंड कर रहा है जिसका कारण भारत की गिरती अर्थव्यवस्था, आर्थिक मंदी और भारत के GDP के घटते दर पर अभिजीत बनर्जी द्वारा मोदी सरकार की आलोचना करना है। अर्थशास्त्र का Nobel Prize इस साल अभिजीत बनर्जी के अलावा एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से देने की घोषणा की गई है। महत्वपूर्ण बात ये है की अभिजीत बनर्जी और दूसरी Nobel Prize विजेता एस्थर डुफ्लो दोनों पति-पत्नी है। अभिजीत बनर्जी को वैश्विक स्तर पर गरीबी को कम या दूर करने के लिए प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए Nobel Prize से सम्मानित किया गया है।

अभिजीत बनर्जी द्वारा मोदी सरकार की आलोचनाएं

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  • अभिजीत बनर्जी ने मोदी सरकार के सबसे बड़े आर्थिक फैसले नोटबंदी की आलोचना करते हुए अपने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं इस फ़ैसले के पीछे के लॉजिक को नहीं समझ पाया हूं। जैसे कि 2000 रुपये के नोट क्यों जारी किए गए हैं। अभिजीत बनर्जी का कहना इस फ़ैसले के चलते जितना संकट बताया जा रहा है उससे यह संकट कहीं ज्यादा बड़ा साबित होगा। जिसका परिणाम यह हुआ कि भारत को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा।
  • अभिजीत बनर्जी ने मोदी सरकार पर देश के GDP के वास्तविक आंकड़ों में हेरफेर करने का आरोप लगाया था। उनका कहना है कि सरकार द्वारा देश के GDP के वास्तविक आकड़ों में हेरफेर किया गया है जिसके कारण भारत का GDP दर घटता जा रहा है।
  • अभिजीत बनर्जी और इनके साथियों या अन्य अर्थशास्त्रियों द्वारा मोदी सरकार कि और भी कई सारी आलोचनाएं कि गई है क्योंकि वर्तमान में भारत कि अर्थव्यवस्था बहुत ही जर्जर है। इन्ही आलोचनाओं के कारण अभिजीत बनर्जी कि इस समय सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा हो रही है।

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जाने अभिजीत बनर्जी के बारे में महत्वपूर्ण बातें

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  • भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी का जन्म 21 फरवरी 1961 में महाराष्ट्र के धुले में हुआ। अभिजीत बनर्जी के पिता जी का नाम दीपक बनर्जी और माता जी का नाम निर्मला बनर्जी है। अभिजीत के पिता दीपक बनर्जी प्रेसीडेंसी कॉलेज में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर थे और माता निर्मला बनर्जी कोलकाता के सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज में प्रोफेसर थीं।
  • अभिजीत बनर्जी ने अपनी शुरुआती शिक्षा कोलकाता में ही पूरी की थी। प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से ही अभिजीत ने स्नातक की पढाई पूरी किया।
  • अभिजीत बनर्जी ने 1983 में दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सटी से इकोनॉमिक्स से एमए किया। एमए करने के बाद अभिजीत बनर्जी अमेरिका पढाई करने चले गए 1988 में अभिजीत ने अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की।
  • अभिजीत बनर्जी ने अपने बचपन की साथी अरुंधति तुली से अपनी पहली शादी की जो की एमआइटी में साहित्य की लैक्चरार थी। लेकिन किन्ही कारणों से अभिजीत और अरुंधति तुली का तलाक हो गया।
  • अभिजीत बनर्जी ने अपनी दूसरी शादी 2015 में फ्रांसीसी मूल की अमेरिकी महिला एस्थर डुफ्लो से की जो की एक अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं।
  • अभिजीत बनर्जी इस समय अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology) अर्थशास्त्र विभाग में फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल के प्रोफेसर हैं।
  • अभिजीत बनर्जी और इनकी पत्नी दोनों मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology) में ही अपनी- अपनी सेवायें प्रदान कर रहे हैं।
  • अभिजीत बनर्जी द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘पुअर इकोनॉमिक्स’ को गोल्डमैन सैश बिजनेस बुक ऑफ द ईयर का खिताब भी मिल चुका है। इनके द्वारा कई अन्य पुस्तके भी लिखी गई हैं और बहुत सारे लेख भी लिखे गए हैं।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की 2003 में अभिजीत बनर्जी ने एस्थर डुफ्लो और सेंथिल मुलैनाथन के साथ, अब्दुल लतीफ जमील गरीबी एक्शन लैब (J-PAL) की स्थापना किया और अभिजीत बनर्जी इस लैब के सबसे उच्च निदेशकों में से एक रहे।
  • भारत के लिए सबसे गर्व की बात यह है की अभिजीत बनर्जी के एक अध्ययन के आधार पर भारत में विकलांग बच्चों की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाया गया जिसके कारण भारत के लगभग 50 लाख बच्चों को इसका लाभ मिला।

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