भारत के महाकवि सुब्रह्मण्य भारती जी की आज 137 वीं जयन्ती

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भारत के महाकवि तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुब्रह्मण्य भारती जी की आज 11 दिसम्बर 2019 को 137 वीं जयन्ती है। सुब्रह्मण्य भारती जी का जन्म 11 दिसम्बर 1882 में तमिलनाडु के एक् गांव एट्टयपुरम् में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था, और इनकी मृत्यु 11 सितम्बर 1921 को महज 38 वर्ष की उम्र में ही हो गई थी। सुब्रह्मण्य भारती जी पढ़ने में मेधावी थे, हमेशा अपनी क्लास में अव्वल ही रहते थे। लेकिन सुब्रह्मण्य भारती जी के माता-पिता का निधन इनके किशोरावस्था में ही हो गई थी। माता-पिता के निधन होने के बाद सुब्रह्मण्य भारती जी ने 1897 में अपनी चचेरी बहन चेल्लामल के साथ अपना विवाह कर लिया था। सुब्रह्मण्य भारती जी बाहरी दुनिया देखने के लिए बहुत ही उत्सुक रहते थे। सुब्रह्मण्य भारती जी शादी करने के बाद 1898 में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए बनारस चले गए थे।

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सुब्रह्मण्य भारती का स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ाव

सुब्रह्मण्य भारती जी के अंदर देश प्रेम कूट-कूट के भरा हुआ था, देश में कोई भी सभा होती थी तो सुब्रह्मण्य भारती जी उस सभा में जरूर पहुँचते थे। सुब्रह्मण्य भारती जी सन 1900 तक भारत के स्वतंत्रता आन्दोलनों तथा राष्ट्रीय आन्दोलनों से पूरी तरह जुड़ चुके थे। उनको राष्ट्र प्रेम का बुखार सा चढ़ गया था। सुब्रह्मण्य भारती जी को अपने देश प्रेम के आगे और कुछ भी नहीं समझ आता था। सुब्रह्मण्य भारती 1908 में पांडिचेरी चले गए जहां सुब्रह्मण्य भारती जी ने अपनी जिंदगी के दस वर्ष बहुत ही संघर्ष पूर्ण और कठिन तरीके से बिताए। सुब्रह्मण्य भारती इस संघर्ष पूर्ण जीवन के दौरान अपनी कविता और गद्य के जरिये आजादी की बात कही। ‘साप्ताहिक इंडिया’ के द्वारा आजादी की प्राप्ति, जाति भेद को समाप्त करने और राष्ट्रीय जीवन में नारी शक्ति की पहचान के लिए सुब्रह्मण्य भारती लगातार संघर्ष करते रहे। आजादी के आन्दोलन में 20 नवम्बर 1918 को सुब्रह्मण्य भारती जी जेल भी गए।

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