कानपुर :- बढ़ती गर्मी ने आम लोगों को तो परेशान कर ही रखा है, जानवरों को भी इससे खासी दिक्कतें हो रही हैं. लेकिन उनकी मुश्किलों को दूर करने के लिए और उन्हें ठंडा रखने के लिए कानपुर चिड़ियाघर में खास इंतजाम किए गए हैं।
मई महीने की गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है। कानपुर जिले में पारा 45 डिग्री तक पहुंच गया है..ऐसे में बढ़ते तापमान का असर इंसान के साथ-साथ बेजुबान जानवर पर भी देखने को मिल रहा है । यहां के चिड़ियाघर में जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है, जिससे कि गर्मियों के दौरान चढ़ते पारे से उनको राहत मिल सके ।
कोरोना के इस दौर में दर्शकों का अभाव है, ऐसे में इन वन्य जीवों को गर्मी से बचाने के लिए ज़ू प्रबंधन की कोशिशों का असर भी देखने को मिल रहा है।जानवरों के बाढ़े में बकायदा कूलर, खस, पानी के छिड़काव की व्यवस्था की गई है, तो पक्षियों के बाड़े को चारों ओर से खस से ढक दिया गया है। समय-समय पर इन पर पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है।
चिड़ियाघर में स्प्रिंकलर से पानी के छिड़काव की व्यवस्था के साथ बाघ, तेंदुआ, शेर के पिंजरों में कूलर तक लगाए गए हैं, खुले स्थान में घूमने वाले वन्यजीवों पर स्प्रिंकलर की मदद से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इतना ही नहीं उनके खाने पीने का भी खासा ध्यान रखा जा रहा है । इसके लिए बड़े और मांसाहारी जानवरों की खुराक में बदलाव करने के साथ-साथ छोटे जानवरों को ऐसे फल दिए जा रहे हैं..जिनसे शरीर में पानी की मात्रा बढ़ सके ।
चिड़ियाघर में स्प्रिंकलर से पानी के छिड़काव की व्यवस्था के साथ बाघ, तेंदुआ, शेर के पिंजरों में कूलर तक लगाए गए हैं, खुले स्थान में घूमने वाले वन्यजीवों पर स्प्रिंकलर की मदद से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इतना ही नहीं उनके खाने पीने का भी खासा ध्यान रखा जा रहा है । इसके लिए बड़े और मांसाहारी जानवरों की खुराक में बदलाव करने के साथ-साथ छोटे जानवरों को ऐसे फल दिए जा रहे हैं..जिनसे शरीर में पानी की मात्रा बढ़ सके ।