(ISRO) Indian Space Research Organisation के चीफ के सिवन ने आज बेंगलुरु में गगनयान और चंद्रयान 3 के बारे में बताया। उन्होंने कहा की गगनयान मिशन केवल मानव को अंतरिक्ष में भेजने के बारे में नहीं है, यह मिशन हमें लम्बे समय तक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सहयोग के लिए एक संरचना बनाने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा की जैसा की हम सभी जानते है की वैज्ञानिक खोज, आर्थिक विकास, शिक्षा, तकनीकी विकास और युवाओं को प्रेरित ये सभी राष्ट्रों के लिए लक्ष्य बन रहे हैं। मानव अंतरिक्ष उड़ान इन सभी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सही मंच प्रदान करती है।
ISRO Chief K Sivan on Gaganyaan Mission: 4 astronauts have been short-listed and they will go to Russia for training by this month-end. In 1984, Rakesh Sharma flew in a Russian module, but this time the Indian astronauts will fly in an Indian module from India. pic.twitter.com/FNoe8uJPnY
— ANI (@ANI) January 22, 2020
ISRO ने संपर्क टूटने के तीन दिन बाद ही विक्रम लैंडर को खोज लिया था
Gaganyan Mission
इसरो चीफ के सिवन ने जानकारी दी की गगनयान मिशन के लिए 4 एस्ट्रोनॉट्स को चुना गया है। ये चारो इस महीने के अंत में रूस प्रशिक्षण के लिए जायेंगे। 1984 में राकेश शर्मा ने रूस के मॉड्यूल से उड़ान भरी थी । लेकिन इस बार भारतीय अंतरिक्ष यात्री भारत के एक भारतीय मॉड्यूल (गगनयान) से उड़ान भरेंगे। इसके बाद चंद्रयान 3 को लेकर पूछे गए सवाल पर के सिवन ने बताया की चंद्रयान 3 पर तेजी से काम चल रहा है। मालूम हो की इसरो ने इससे पहले 22 जुलाई को chandryaan-2 को लांच किया था जो 95 % सफल रहा था। यदि विक्रम लैंडर चाँद की सतह पर सुरक्षित उतर जाता तो ये मिशन पूरा सफल रहता।