भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रमुख K Sivan ने बताया की सरकार ने चंद्रयान -3 को मंजूरी दे दी है और इस पर काम किया जा रहा है। ISRO प्रमुख ने बताया की दूसरे स्पेस पोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू किया गया है और यह पोर्ट तमिलनाडु के थूथुकुडी में होगा। Chandryan 2 के बारे में बात करते हुए के सिवान ने कहा की हमने चंद्रयान -2 पर अच्छी प्रगति की है, भले ही हम सफलतापूर्वक लैंड नहीं कर सके पर ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है और यह अगले 7 वर्षों तक आवश्यक जानकारी हम तक भेजता रहेगा।
ISRO chief K Sivan: The land acquisition for a second space port has been initiated and the port will be in Thoothukudi, Tamil Nadu. pic.twitter.com/Lc8OU3uaRf
— ANI (@ANI) January 1, 2020
गगनयान की भी तैयारी
ISRO प्रमुख के सीवन ने बताया की 2019 में गगनयान पर बहुत काम हुआ है और इसके लिए चुने गए 4 एस्ट्रोनॉट्स को इस साल ट्रेनिंग रूस में दी जाएगी। अगर गगनयान पर काम जल्द पूरा हो जाता है तो इसे जल्द ही लांच किया जायेगा, नहीं तो अगले साल करेंगे। के सीवन ने ये भी कहा की इस तरह के मिशन आसान बिलकुल नहीं होते। एक चूक से काफी नुकसान हो सकता है। इसलिए इसपर बहुत सावधानी से काम किया जा रहा है’। बता दें गगनयान मिशन में 4 एस्ट्रोनॉट्स को चुना गया है जिनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अंतरिक्ष में भेजा जायेगा। ये एक बहुत बड़ा मिशन होगा जिसपर पूरी दुनिया की नजर बनी होगी।
Chandryan-2 : नासा ने चन्द्रमा की सतह पर खोज निकाला विक्रम लैंडर
आपको बता दें भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो द्वारा लॉन्च किया गया chandrayaan-2 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। chandrayaan-2 को 22 जुलाई 2019 को लगभग 2:43 पर लॉन्च किया गया था। लगभग 28 दिनों का सफर तय करके chandrayaan-2 चंद्रमा तक पहुंचा और इसके विक्रम लैंडर सतह पर उतरने से 2 किलोमीटर की दूरी पर ISRO से संपर्क टूट गया और विक्रम लैंडर की चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई और वो टूट गया पर chandrayaan-2 का ऑर्बिटर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया था और वो अगले 7 सालों तक जानकारी भेजता रहेगा।