सोनभद्र:। जिले के शक्तिनगर का रहने वाला चंदन कुमार जो दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम का अच्छा खिलाड़ी है। जिसने 2017 से लगातार दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम से नेशनल और इंटरनेशनल टीम से टूर्नामेंट में हिस्सा प्राप्त कर इंग्लैंड वेस्ट बंगाल कर्नाटक उड़ीसा पंजाब हरियाणा समेत दिल्ली से दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम इंडिया की तरफ से अच्छे अस्तर पर खेलकर अब उत्तर प्रदेश टीम की ओर से लगातार खेल रहा था पर घर के हालात ठीक ना होने के कारण उसे मजबूरन खेल को बंद करना पड़ा।
दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम के खिलाड़ी चंदन कुमार के पिता फुटपाथ पर लाई चना भुजने की दुकान है माता पिता समेत परिवार के सभी सदस्यों का पालन पोषण सिर्फ इसी दुकान से किसी प्रकार चल पाता है। और घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण चंदन कुमार जो दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम में खेल क्यों देश का नाम रोशन करना चाहता था अब वह दुकान पर बैठकर पिता का हाथ बट आ रहा है। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसे दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम में नहीं खेल पा रहा है। चंदन कुमार ने बताया कि अभी तक उसे किसी प्रकार का सहयोग कहीं से नहीं प्राप्त हुआ है और वह क्रिकेट खेलना चाहता है जिसके बाद उसने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री समेत खेल मंत्री और डीएम को पत्र लिखकर आर्थिक सहायता की मांग भी की है ताकि वह देश के लिए खेल सके।
सोनभद्र जिले के शक्तिनगर का रहने वाला चंदन कुमार जो दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम का अच्छा खिलाड़ी है। जिसने 2017 से लगातार दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम से नेशनल और इंटरनेशनल टीम से टूर्नामेंट में हिस्सा प्राप्त कर इंग्लैंड वेस्ट बंगाल कर्नाटक उड़ीसा पंजाब हरियाणा समेत दिल्ली से दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम इंडिया की तरफ से अच्छे अस्तर पर खेलकर अब उत्तर प्रदेश टीम की ओर से लगातार खेल रहा था पर घर के हालात ठीक ना होने के कारण उसे मजबूरन खेल को बंद करना पड़ा।
दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम के खिलाड़ी चंदन कुमार के पिता फुटपाथ पर लाई चना भुजने की दुकान है माता पिता समेत परिवार के सभी सदस्यों का पालन पोषण सिर्फ इसी दुकान से किसी प्रकार चल पाता है। और घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण चंदन कुमार जो दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम में खेल क्यों देश का नाम रोशन करना चाहता था अब वह दुकान पर बैठकर पिता का हाथ बट आ रहा है। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसे दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम में नहीं खेल पा रहा है।
चंदन कुमार ने बताया कि अभी तक उसे किसी प्रकार का सहयोग कहीं से नहीं प्राप्त हुआ है और वह क्रिकेट खेलना चाहता है जिसके बाद उसने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री समेत खेल मंत्री और डीएम को पत्र लिखकर आर्थिक सहायता की मांग भी की है ताकि वह देश के लिए खेल सके। अभी तक किसी प्रकार का सहयोग न मिलने से बेहद निराश होकर पिता के फुटपाथ पर मौजूद चना लाई की दुकान पर जाता है।
रिपोर्ट:- प्रवीण पटेल।